ऑनलाइन क्लास में दिक्कत हुई तो पहाड़ी पर बनाई झोपड़ी, PMO ने लगाया इंटरनेट
कहते हैं कि कुछ करने की ललक हो तो सारी कायनात मिलकर आपका सपना पूरा कर देती है. कुछ ऐसा ही हुआ है वेटनरी साइंस की पढ़ाई कर रही छात्रा स्वप्नाली सुतार के साथ भी. इंटरनेट की सुविधा न होने की वजह से उन्हें पढ़ाई में दिक्कत आ रही थी और ऐसे में पीएमओ ने संकटमोचक बनकर उनकी मदद की.
क्या है मामला
मुंबई से 480 किमी दूर स्थित कणकवली जिले के दारिस्ते गांव में रहने वाली स्वप्नाली सुतार (Swapnali Sutar) मुंबई वेटरिनरी कॉलेज से बैचलर ऑफ वेटरिनरी साइंस (Bachelor of Veterinary Science) की पढ़ाई कर रही हैं. देशभर लॉकडाउन (Lockdown) होने के लगभग 8 दिन पहले वे अपने गांव आई थीं और उसके बाद वापिस मुंबई नहीं जा सकीं. फिर उनका कॉलेज बंद होने की स्थिति में वहां ऑनलाइन क्लासेज शुरू कर दी गईं, जिसके बाद से स्नप्नाली को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. दरअसल, उनके फोन में इंटरनेट कनेक्शन तो था लेकिन पूरे गांव में कहीं भी नेटवर्क नहीं मिलता था. ऐसे में वे गांव से 1.5 किमी दूर एक पहाड़ी तक अपना लैपटॉप लेकर जाती थीं और वहीं क्लास अटेंड करती थीं. तेज धूप होने पर भी वे कई दिनों तक पेड़ के नीचे पढ़ाई करती रहीं और बारिश का मौसम आने पर उन्होंने वहीं एक झोपड़ी बना ली.
निबंध से फैली खबर
एक दिन उनकी टीचर ने लॉकडाउन के अनुभव पर निबंध लिखने को कहा, जिसके बाद उनकी यह परेशानी लोगों को पता चली. मराठी अखबार 'प्रसार' में उनका निबंध प्रकाशित होने के बाद यह खबर फैल गई. ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर खबर आने के बाद पीएमओ (PMO) ने उन्हें मदद का आश्वासन दिया था. दूरसंचार मंत्रालय (Telecom Minsitry) के अंतर्गत आने वाले भारतनेट ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क लगवाने के आदेश मिले हुए हैं. इसी के तहत स्वप्नाली के गांव की ग्राम पंचायत में भी ऑप्टिकल फाइबर केबल इंस्टॉल कर उन्हें वाई-फाई का कनेक्शन दे दिया गया है.
त्योहार पर मिला खुशियों का तोहफा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के हस्तक्षेप के बाद गणेश चतुर्थी के एक दिन पहले भारतनेट (BharatNet) के कुछ अधिकारी उनके गांव पहुंचे थे. गांव की ग्राम पंचायत में इंटरनेट सुविधा थी लेकिन उसे एक्टिवेट नहीं किया गया था. पढ़ाई में विशेष दिलचस्पी रखने वाली स्वप्नाली ने हाईस्कूल में 98 फीसदी अंक प्राप्त किए थे और 12वीं में भी फर्स्ट आई थीं. उनके सपने को पूरा करने के लिए उनका परिवार हमेशा उनके साथ खड़ा रहा. जहां पिता किसी तरह से फीस की व्यवस्था करते रहे तो वहीं उनके भाई लॉकडाउन के दौरान जगह-जगह घूम-घूमकर उनके लिए इंटरनेट का सिग्नल तलाशते रहे थे. पढ़ाई के मजबूत इरादों के चलते स्वप्नाली गांव के सभी विद्यार्थियों के लिए एक मिसाल बन गई हैं.
महिला मोर्चा की अध्यक्ष ने कहा शुक्रिया
बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष विजया राहतकर ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद को स्वप्नाली सुतार की मदद करने के लिए धन्यवाद कहा है. उन्होंने स्वप्नाली के सपने पूरे होने की राह आसान बनाने के पीएमओ के प्रयास को सराहा है.
कोरोना वायरस (coronavirus) के बढ़ते प्रकोप के चलते देशभर के स्कूल-कॉलेज बंद हैं. हालांकि, इस साल को जीरो अकैडमिक ईयर घोषित नहीं किया गया है और इसीलिए ऑनलाइन क्लासेज के द्वारा बच्चों की पढ़ाई पूरी करवाई जा रही है. डिजिटल एजुकेशन में शिक्षकों, बच्चों व उनके अभिभावकों को कई तरह की परेशानियां भी उठानी पड़ रही हैं लेकिन स्वप्नाली सुतार के जज्बे से प्रेरणा लेकर अपनी हर तरह की परेशानी का हल ढूंढा जा सकता है.