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प्रदेश के बाहर के दिव्यांग भी विवाह सूत्र में बंधेंगे


 

उज्जैन | दिव्यांग विवाह सम्मेलन मार्च माह में 11 एवं 12 तारीख को आयोजित होना है। वर्तमान में कुल 113 जोड़े विवाह के लिये तैयार हो गये है। इसमें 15 ऐसे जोड़े है, जो उज्जैन जिले के बाहर के है। यही नहीं आयोजन की पहुंच प्रदेश के बाहर तक भी हो गई है। व्यापक प्रचार-प्रसार के चलते विभिन्न प्रदेशों के दिव्यांग युवक-युवतियों ने भी परिचय सम्मेलन में भाग लिया तथा राजस्थान के दो जोड़ों ने विवाह के लिये उज्जैन में हो रहे आयोजन को चुना है। संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय श्री सीएल पंथारी ने जानकारी देते हुए बताया कि उज्जैन जिले के ग्राम बेड़ासमदिया की लक्ष्मी ने ग्राम लक्ष्मीपुरा जिला चित्तौड़गढ राजस्थान के अजय को जीवनसाथी बनाने का निश्चय किया है। इसी तरह ग्राम हनोतिया जिला झालावाड़ राजस्थान की युवती मांगीबाई ने गुना जिले के कुसुमपुरा के निवासी  तोरणसिंह को अपना जीवनसाथी चुना है।

    इसी तरह से उज्जैन जिले के बाहर के जिलों से भी आये युवा-युवतियों ने यहां जोड़ा बनाकर विवाह करना तय किया है। इनमें झाबुआ, धार, अलीराजपुर, देवास, सीहोर, इन्दौर, रतलाम, खंडवा, आगर-मालवा आदि जिलों के युवक-युवती शामिल हैं।

    दिव्यांग विवाह हेतु तिथियां तय हो चुकी हैं, अब उपयुक्त स्थान की तलाश की जा रही है। साथ ही समाजसेवी एवं दानदाताओं से चर्चा कर वर-वधू को सामग्री भेंट दिये जाने के सम्बन्ध में भी चर्चा जारी है। जिला प्रशासन द्वारा बैण्ड-बाजा, बारात व्यवस्था प्रभारी की नियुक्ति की जायेगी, जो बैण्ड, बग्घी तथा ई-रिक्शा आदि की व्यवस्था करेंगे। विवाह के लिये आने वाले दिव्यांगजनों के परिजनों को उपयुक्त आवास व्यवस्था भी की जा रही है। विवाह पारम्परिक रिति-रिवाज से सम्पन्न हो, इसके लिये पंडित, मौलवी आदि की व्यवस्था भी होगी।

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