महिला आचार्यों ने करवाया सामूहिक तर्पण, पिंडदान
जल जैसी सरसता के भाव से श्राद्ध फलदायी होता है
उज्जैन। गायत्री शक्तिपीठ पर चल रहे सामूहिक श्राद्ध तर्पण एवं पिंडदान के अंतर्गत मातृ नवमीं 23 सितंबर पर सामूहिक तर्पण पिंडदान प्रतिवर्षानुसार महिला आचार्यों द्वारा संपन्न कराया।
संचालन करते हुए बहिन पंकज राजौरिया ने श्रद्धालुओं को बताया कि ऋषियों ने सर्वसुलभ जल को तर्पण का माध्यम बनाया है। मातृ नवमीं के संदर्भ में आपने बताया कि माता तो सदा ही जल जैसी सरस रहती हैं। जल जैसी सरसता हम अपने जीवन में अपनाएं तो हमारे पितर सदैव संतुष्ट रहेंगे। संचालन टोली में प्रेमलता चैहान, डॉ. वंदना जोशी शामिल थीं। प्रतिदिन आने बाले श्रद्धालुओं ने बताया कि बहिनों द्वारा भाईयों जैसा व्यवस्थित संस्कार कराया गया। मातृशक्ति द्वारा मातृ नवमीं पर संस्कार कराने से भाव स्वतरूही श्रद्धा उक्त बन गये थे और बड़े ही भावुक बातावरण में श्राद्ध संपन्न हुआ।