मौनतीर्थ पीठ पर प्रारंभ हुआ ‘सनातन प्रवाह’
मलखंब के हैरत अंगेज प्रदर्शन और शस्त्र प्रदर्शन से हुआ शुभारंभ
उज्जैन। भारतीय सनातन परंपरा से ओझल हो चुके धर्मबोध एवं शौर्यबोध के पुनर्जागरण के लिए दिव्य भारत प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित दो दिवसीय सनातन प्रवाह का शुभारंभ सोमवार को मौनतीर्थ पीठ गंगाघाट पर हुआ। जिसमें ‘ये भगवा रंग है संत व ऋषि मुनियों’ का गीत पर शस्त्र, तलवार का प्रदर्शन किया साथ ही मलखंब के प्रदर्शन से बच्चों ने सभी को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।
दिव्य भारत प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत सुमनभाई एवं संस्थापक संरक्षक के.एन. गोविंदाचार्य द्वारा दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस दौरान विशेष रूप से डाॅ. अर्चना सुमन मौजूद रहीं। देवी अवंतिका व सामाजिक ग्रुप द्वारा तलवारबाजी का प्रदर्शन रजनगढ़वाडिया, तरूण सिखोले, धर्मेन्द्र शर्मा व कृष्णा द्वारा किया गया। क्षीरसागर सेंटर के बच्चों द्वारा मलखंब का प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर भगवान शर्मा, नंदीनी जोशी आदि मौजूद रहे। संचालन कैलाश विजयवर्गीय ने किया। जनसंपर्क अधिकारी दीपक राजवानी ने बताया कि इस आयोजन में वरिष्ठ विद्वान प्रो. रामेश्वर मिश्रा ‘पंकज’, वरिष्ठ विदुषी प्रो. कुसुमलता केड़िया, ज्योतिषाचार्य आनंदशंकर व्यास, संस्कृत विद् डाॅ. मोहन गुप्त, वरिष्ठ विद्वान केदारनारायण जोशी, कुलपति प्रो. बालकृष्ण शर्मा, कुलानुशासक विवि प्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्मा, पूर्व जिलाशिक्षा अधिकारी बी.के. शर्मा, रिटायर्ड कर्नल आर.के. सिंह चैहान वक्तव्य देंगे। प्रथम दिवस उद्घाटन सत्र में अक्षता यादव, माला कोड़ापे, करूणा सिताले शस्त्र एवं मोहन बमोरिया, नीलू चैहान, बबिता परमार द्वारा मलखंब के माध्यम से शौर्य प्रदर्शन किया गया। वहीं श्री महाभारत के संबंध में धर्मबोध एवं शौर्य बोध पर उद्बोधन हुआ। आज दूसरे दिन 24 सितंबर मंगलवार को शाम 4 बजे धर्म बोध एवं शौर्य बोध और श्री महाभारत, श्री महाभारत के विषय में प्रचलित भ्रांतियां, सनातन समाज से धर्म बोध और शौर्य बोध के विलोपन के परिणाम, सनातन समाज में धर्म बोध और शौर्य बोध के पुनर्जागरण के उपाय पर उद्बोधन होगा। तत्पश्चात हुतात्मा हुए वीरों के परिजनों का सम्मान किया जाएगा। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत प्रतिभा संगीत कला संस्थान द्वारा नृत्य प्रस्तुति के साथ पूर्णाहुति होगी।