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शबरी के बेर में नही उसके प्रेम में शक्ति थी



श्रीमद् भागवत कथा में आज शिव पार्वती विवाह प्रसंग
उज्जैन। शबरी के बेर में नही उसके प्रेम में शक्ति थी, आस्था का प्राकट्य कुछ जानकर ही हो सकता परमात्मा को जानने के लिए आस्था जरूरी है। परमात्मा का चरित्र सुनना अमृत है ईश्वर के दर्शन एक बार जरूर करना चाहिये। परमात्मा के लिए आपस में संवाद करना ही सत्संग है। अज्ञान का विध्वंस होना जरूरी है कथा पुराण से विवेक उत्पन्न होता है।
उक्त बात महाकाल प्रवचन हाॅल में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे श्री श्री 1008 उत्तम स्वामीजी महाराज ने कही। गुरू भक्त मंडल द्वारा आयोजित कथा में रविवार को गुरु भक्त मंडल बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, टांडा, धार के सदस्य, पार्षद लीना वर्मा, विनीता शर्मा, भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष बुद्धिविलास उपाध्याय, भंवरसिंह चैधरी, भारतीय जनता खेल प्रकोष्ठ के संयोजक विशाल राजोरिया आदि मौजूद रहे। उत्तम स्वामीजी द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का रसपान प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक महाकाल मंदिर प्रवचन हाल में की जा रही है वहीं गुरुदर्शन दर्शन कार्यक्रम विवेकानंद कॉलोनी में 6 से 8 बजे तक हो रहे हैं। इस दौरान गुरु भक्त मंडल शाखा उज्जैन के अध्यक्ष विजय जायसवाल, ओम जैन, राम भागवत, प्रकाश शर्मा, शैलेंद्र शर्मा, राकेश शर्मा, विशाल राजोरिया, संजयसिंह सिसोदिया, मनमोहन तिवारी, कृष्णा भागवत, मंगलेश जायसवाल, प्रकाश यादव, महिला मंडल में यशोदा शर्मा, उपमा चैहान, शीतल भागवत आदि मौजूद रहे। रविंद्र सोलंकी ने बताया कि कथा के दौरान आज 23 सितंबर को शिव पार्वती विवाह प्रसंग, 24 को कृष्ण जन्म प्रसंग व 26 सितंबर को रुक्मणी विवाह प्रसंग का आयोजन होगा।

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