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शिप्रा नदी पर कार्यशाला का आयोजन


उज्जैन। शिप्रा को उसकी जमीन और जल मिलना चाहिए इसके साथ शिप्रा में मिलने वाले गंदे पानी को मिलने से रोकने की आवश्यकता है मोक्ष दायिनी की स्थिति पर श्वेत पत्र जारी होना चाहिए उक्त विचार जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने माधव विज्ञान महाविद्यालय वर्ष 1974 के पूर्व विद्यार्थियों द्वारा आयोजित गोल्डन जुबली समारोह में व्यक्त किए 
माधव विज्ञान महाविद्यालय वर्ष 1974 के पूर्व विद्यार्थियों द्वारा आयोजित गोल्डन जुबली समारोह का आयोजन किया गया इस दौरान शिक्षकों का सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया कार्यक्रम में जल पुरुष राजेंद्र सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए जहा उन्होंने अपने उद्भोदन देते हुए कहा की  पावन शिप्रा नदी को  आदिकाल की स्थिति में लाने के लिए उसकी सही स्थिति का ज्ञान उस को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न विकल्पों पर माधव विज्ञान महाविद्यालय के वर्तमान व पूर्व छात्र दायित्व और श्वेत पत्र जारी करें वही बड़े रोचक तरीके से भगवान की परिभाषा बताते हुए भूमि गगन नदी का महत्व दर्शाते हुए संसाधनों को सरक्षण देने के लिए नई पीढ़ी से आग्रह किया। शिप्रा नदी के लिए उन्होंने कहा कि  शिप्रा की जमीन शिप्रा को मिले शिप्रा का जल शिप्रा के लिए और शिप्रा में गंदा पानी नहीं मिलना चाहिए तभी क्षिप्रा पवित्र और प्रवाह  महान होगी शिप्रा के किनारे ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए जलस्तर बढ़ाने के लिए केचमेंट एरिया बढ़ाने के साथ विभिन्न संरक्षण एवं संभरण के साधनों को विकसित करना होगा सिंह ने कहा कि शिप्रा नदी में मिलने वाले प्रदूषित जल को रोकने के लिए कम्युनिटी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट उपचारित कर पानी को खेती बगीचे और उद्योगों विभिन्न कार्यों में प्रयोग किया जा सकता है छात्र-छात्राओं को पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए प्रयोग से अवगत कराया। 

 

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