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कवयित्रियों की कविताओं और गीतों से हुआ पुस्तक मेले का समापन



उज्जैन। कविता जीवन से जुड़ी होती है, उसमें रंग है और रंगों से जुड़े मनोहारी रंग, जो समय के साथ अपना वैविध्य दिखाते रहते है। आम जन की अभिव्यक्ति जहां कविता में व्यक्त होती है वही सीधे संवदेनाओं से जुड़ने का मौका भी देती है।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा आयोजित उज्जैन पुस्तक मेले के आखिरी दिन कवयित्री सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत की ओर से हिंदी संपादक डॉ ललित किशोर मंडोरा ने सभी रचनाकारों का न्यास की ओर से स्वागत किया और कहा कि इस आयोजन में 9 दिनों में दस कार्यक्रम के तहत 61 लेखकों को शामिल किया गया। उज्जैन सांस्कृतिक दृष्टि से बड़ा सम्पन्न है कि जहां साहित्य, संगीत व सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध लेखकों का वृहद परिवार है। इस आयोजन में उज्जैन व इंदौर के नई व पुरानी प्रतिभाओं ने एक साथ मंच साँझा किया।
कविता पाठ में कार्यक्रम की शुरुआत नई रचनाकार इंदौर से पधारी अदिति सिंह भदौरिया की रचनाओं से हुई। इनकी कविताओं में पिता बोलते हुए दिखाई दिए। मौलिक संवेदनाओं को श्रोताओं ने हूबहू स्वीकार किया। प्रेमशीला श्रीवास्तव ने प्रेम गीतों को सुनाकर एक नए वातावरण में ले जाने का सार्थक प्रयास किया। डॉ क्षमा सिसौदिया ने गजल सुनाकर सभी श्रोताओं को एहसास से भर दिया। मौसम की मौसिकी में नया रंग आनंदित देने का आयाम क्षमा की गजलों ने किया। वरिष्ठ कवयित्री पुष्पा चैरसिया ने अपनी क्षणिकाओं से श्रोताओं को विस्मित किया। इंदौर की सुषमा राजनिधि व्यास ने चंद्रयान को लेकर अपनी रचनाओं का पाठ किया। सीमा जोशी ने अपनी सुमधुर आवाज से सभी को रोमांचित करने में किसी किस्म की कोई कसर नहीं छोड़ी। इन मौके पर उन्होंने मालवा में गीत भी सुनाया। पंखुरी जोशी ने देश-प्रेम पर केंद्रित विषय पर आधारित कविताओं का वाचन किया। चित्रा जैन ने रिश्तों पर केंद्रित अपनी रचनाओं का पाठ किया। डॉ वंदना गुप्ता ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ शीर्षक से अपनी रचना का पाठ किया।
विशिष्ठ अतिथि सुनीता शानू ने सभी रचनाकारों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वैसे मैं दिल्ली से आई हूँ पर यहाँ आ कर लगा कि उज्जैन का दिल भी दिल्ली जितना ही समृद्ध है। इस अवसर पर उन्होंने भी गीत सुनाकर माहौल को रसमय बना दिया। उज्जैन शहर की ओर से धन्यवाद ज्ञापन पिलकेन्द्र अरोड़ा ने न्यास संपादक डॉ ललित किशोर मंडोरा का सम्मान भी किया। संचालन किया शहर की कवयित्री सुश्री चित्रा जैन ने। इस अवसर पर श्रीराम दवे, पिलकेन्द्र अरोड़ा, अशोक वक्त, अमित प्रताप सिंह भदौरिया, देवेंद्र जोशी, देवेंद्र दिग्गज और संजय सजग, अशोक भाटी जैसे महत्वपूर्ण लोग थे।

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