अभा हिंदू महासभा चलाएगी सदस्यता अभियान
अभा युवा हिंदू महासभा म.प्र. की वर्तमान कार्यकारिणी भंग, नई कार्यकारिणी हेतु चैहान अधिकृत-उज्जैन को धार्मिक नगरी घोषित करने के लिए चलाएंगे अभियान
उज्जैन। अखिल भारत युवा हिंदू महासभा म.प्र. इकाई की बैठक का आयोजन रविवार को हुआ। जिसमें अखिल भारत युवा हिंदू महासभा म.प्र. इकाई के गठन के उपरांत प्रथम साधारण सभा में अखिल भारत युवा हिंदू महासभा म.प्र. की वर्तमान कार्यकारिणी तत्काल प्रभाव से भंग की गई तथा अखिल भारत युवा हिंदू महासभा म.प्र. के नवनियुक्त अध्यक्ष मनीषसिंह चैहान को प्रांतीय कार्यकारिणी के गठन हेतु अधिकृत किया गया।
मनीषसिंह चैहान ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया कि आगामी समय में मध्यप्रदेश के सभी जिलों में विशाल पैमाने पर सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। भोपाल, होशंगाबाद, इटारसी, मंदसौर, रतलाम, बड़वानी, खंडवा, सीहोर, जबलपुर, इंदौर, सतना, रीवा, अशोकनगर, ग्वालियर सहित अन्य जिलों में बैठक की तारीख तय हुई। बैठक में मुख्य रूप से अखिल भारत युवा हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मनीषसिंह चैहान, कृष्णकांत कुमावत, तेजकरण चोटियां, बनेसिंह माली, मुरली निगम, पवन बारोलिया, राहुल मोणावत, अनु खत्री, मुरली वर्मा, कैलाश चावला, बाबू दायमा, सूरज सिंह तंवर, रतन बैरागी, सुरेंद्र यादव, हरि माली, कृष्णा मालवीय, भगवानसिंह गौड़, नंदराम मालवीय, सुनील कनौजिया, योगी नाथ बाबा, लक्ष्मणसिंह राय, रणवीर सिंह चैहान, विश्वाससिंह चैहान सहित अन्य जिले से आए वरिष्ठ कार्यकर्ता मौजूद रहे। बैठक में निर्णय लिया कि उज्जैन को धार्मिक नगरी घोषित किये जाने हेतु संगठन चरणबध्द आंदोलन करेगा। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सुविधा, सुरक्षा, संसाधन बढ़ाये जाकर अंग्रेजी माध्यम का भी प्रावधान किये जाने हेतु संगठन आंदोलन करेगा जिससे प्रदेश के लाखों अभिभावक निजी की बजाय सरकारी स्कूल की ओर रूख करें और करोड़ों रूपये वेतन बांटने वाले शिक्षा विभाग द्वारा अध्यापकों के माध्यम से उचित अध्यापन कराया जा सके। मनीषसिंह चैहान ने बैठक में कहा कि देश में वक्फ बोर्ड का प्रावधान है लेकिन हिंदुओं के देवस्थलों की सुरक्षा, सुविधा, संचालन हेतु कोई संस्था न होने से उन्हें सुविधाएं नहीं मिलती, सरकारी मदद नहीं मिलती। अतः प्रधानमंत्री को पूरे प्रदेश से अनेक पत्र लिखकर व चरणबध्द अभियान के तहत राष्ट्रीय मठ, मंदिर व देवस्थान प्रबंधन, संचालन समिति का गठन किये जाने की मांग की जाएगी। देशभर में कई प्राचीन मंदिरों पर शासकीय प्रबंध समिति गठित है जो मंदिर की व्यवस्थाओं के साथ ही समूची आय व अन्य गतिविधियों पर नियंत्रण करती है लेकिन ऐसा देश के मदरसों, मस्जिदों, दरगाहों, कब्रस्तान पर गठित प्रबंध समिति का पर्यवेक्षण, नियंत्रण, संचालन सीधे संबंधित कलेक्टर के माध्यम से कराया जाकर इनकी समस्त आय पर भी शासन का अधिकार सुनिश्चित किया जाने पर विचार किया गया।