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अखिल भारतीय शब्द प्रवाह साहित्य सम्मान, कलम साधकों का हुआ उज्जयिनी में सम्मान



किताबें अपनी एक अलग दुनिया रचती है- डॉ. रामराजेश मिश्र
रचनाकारों को प्रोत्साहन मिलते रहना चाहिए- लालित्य ललित
कविता कर्म एक साधक का कर्म है- डॉ शैलेन्द्र शर्मा
साहित्य और कला जीवन के सात्विक अनुष्ठान है- राजकुमार राजन
उज्जैन। किताबें अपने तरीके से अपने जीवन को जीती है। किताबें अपनी एक अलग दुनिया रचती है। मेले और दुनिया में बहुत अंतर है कईं बार मेलों में दुनिया खो जाती है। 
यह बात म.प्र. ग्रंथ अकादमी के निदेशक एवं विक्रम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. राम राजेश मिश्र ने दसवें अखिल भारतीय शब्द प्रवाह साहित्य सम्मान समारोह में अध्यक्षता करते हुए कही। कालिदास अकादमी मे राष्ट्रीय पुस्तक मेला मंच पर 7 सितम्बर, शनिवार को आयोजित भव्य सम्मान समारोह में मुख्य अतिथी राष्ट्रीय पुस्तक न्यास दिल्ली के संपादक ललित किशोर मंडोरा (लालित्य ललित) ने कहा कि शब्द प्रवाह यह जो कार्यक्रम कर रहा है वह प्रशंसनीय है इस तरह के आयोजन होते रहना चाहिए, रचनाकारों को प्रोत्साहन मिलते रहना चाहिए। उज्जैन मे यह पुस्तक मेला भी यही उद्देश्य लेकर लगाया गया है।
अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक डॉ शैलेन्द्रकुमार शर्मा ने समारोह में उद्बोधन देते हुए कहा कि रचनाकार को सतत अपनी प्रतिभा को निखारना चाहिए। जैसे योगी समाधी की अवस्था में तल्लीन हो जाता है उसी प्रकार रचानाकार यदि रचनाकर्म में लीन नहीं होता है तो वह रचना एक मशीनी रचना हो सकती है कविता नहीं हो सकती। कविता कर्म एक साधक का कर्म है।
अतिथी युवा साहित्यकार राजकुमार जैन राजन (चित्तौड़) ने कहा कि कला के पौधे प्रतिभा की भूमि से उपजते है और आस्था से संचित होते है। साहित्य और कला जीवन के सात्विक अनुष्ठान है। साहित्य वह दीपक है जिसकी रोशनी लंबे समय तक समाज और देश को रोशन करती रहती है।
शब्द प्रवाह साहित्यिक सांस्कृतिक एवं सामाजिक मंच उज्जैन के तत्वावधान में अखिल भारतीय पुरस्कार और सम्मान इस समारोह में प्रदान किए गये। प्रदीप नवीन (इंदौर) की कृति ‘साथ नहीं देती परछाई’, लधुकथा के लिए महिमा श्रीवास्तव वर्मा (भोपाल) की कृति ‘आदम बोनसाई’, व्यंग्य के लिए अशोक व्यास (भोपाल) की कृति ‘विचारों का टैंकर’ को प्रथम पुरस्कृत किया गया। साथ ही डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय स्मृति खंडकाव्य सम्मान के लिए ज्योतिपुंज (उदयपुर) की कृति “सत् संकल्प”, स्व. सत्यभामा शुकदेव त्रिवेदी गीतकार सम्मान के लिए डॉ. घमंडीलाल अग्रवाल, (गुरुग्राम) की कृति ‘कितना समय कठिन’, स्व. बालशौरि रेड्डी बाल साहित्य सम्मान के अन्तर्गत प्रथम के लिए गोविंद शर्मा, (संगरिया, हनुमानगढ़) की कृति “मुझे भी सीखाना” तथा द्वितीय के लिए जयसिंह आशावत, (नैनवा, बूंदी) की कृति “दादी अम्मा नई कहो कुछ”, इजी. प्रमोद शिरढोणकर बिरहमान स्मृति नई कविता सम्मान के लिए शशि सक्सेना (जयपुर) की कृति ‘रिश्ते हुए सपने’, तथा इजी. प्रमोद शिरढोणकर स्मृति कहानी सम्मान के लिए डॉ गरिमा संजय दुबे (इंदौर) की कृति ‘दो ध्रुवों के बीच की आस’ एवं स्व. लक्ष्मीनारायण सोनी स्मृति गजल सम्मान के लिए डॉ. महेन्द्र अग्रवाल (शिवपुरी) की कृति “फनकारी सा कुछ तो है” को पुरस्कृत किया गया।
साहित्यिक सामाजिक पत्रकारिता के लिए हिंदी भाषा डॉट कॉम के संपादक अजय जैन अविचल (इंदौर) और हिंदी मिडिया के संपादक चन्द्रकांत जोशी (मुम्बई) को सम्मान प्रदान किया गया। आयोजन में राजकुमार जैन राजन की कृति मन के जीते जीत और रोबोट एक दिला दो राम का के नेपाली भाषा संस्करण का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया।
आयोजन का शुभारम्भ राजेश राज की सरस्वती वंदना से हुआ, स्वागत भाषण संस्था सचिव संदीप सृजन ने दिया। अतिथी स्वागत राजेश राजकिरण, भंवरलाल जैन, डॉ. हरिशकुमार सिंह, अशोककुमार रक्ताले, गड़बड़ नागर आदि ने किया। संचालन डॉ. राजेश रावल एवं कमलेश व्यास कमल ने किया एवं आभार संदीप सृजन ने माना। आयोजन में शहर के कई प्रबुद्धजन एवं साहित्यकार उपस्थित थे।

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