छात्राएं सीख रहीं मालवी के साथ मथुरा के पारंपरिक लोकनृत्य
सेवाभारती के छात्रावास में युवाओं को करा रहे सांस्कृतिक विरासत परिचित, ताकि वे इसके संरक्षण एवं संवर्धन में सक्रिय भूमिका अदा करें
उज्जैन। मालव लोककला केन्द्र द्वारा युवा वर्ग में लोककला के प्रति नवचेतना जागृत करने के उद्देश्य से सेवा भारती छात्रावास में मालवी लोकनृत्य एवं मथुरा के पारंपरिक लोकनृत्यों का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। 10 दिवसीय इस प्रशिक्षण में आड़ा, खड़ा, रजवाड़ी एवं मटकी नृत्य का ढोल की मधुर थाप पर बालिकाओं को नृत्य प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
संस्था सचिव कृष्णा वर्मा के अनुसार 1 सितंबर से 10 सितंबर तक मालव लोककला केन्द्र संस्कृति संचालनालय, संस्कृति विभाग म.प्र. भोपाल के सहयोग से मालवी लोकनृत्य एवं मथुरा के पारंपरिक लोकनृत्यों का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। सेवा भारती छात्रावास में संस्था की हीरामणी शर्मा, उषा बागोदिया एवं शुभम सिकरवार द्वारा छात्रावास की प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। संस्था का मुख्य उद्देश्य नृत्य के साथ ही युवा अपनी सांस्कृतिक विरासत को पहचाने और इसके संरक्षण एवं संवर्धन में सक्रिय भूमिका अदा करें। जिसमें मालव अंचल की लोककला को एक नई पहचान मिले।