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कानून व्यवस्था एवं लोकशान्ति कायम रखने की दृष्टि से 2 माह के लिये प्रतिबंधात्मक आदेश जारी



उज्जैन | उज्जैन जिले में एवं उज्जैन शहर धार्मिक शहर होने के कारण आयेदिन वीवीआईपी/वीआईपी का आवागमन लगा रहता है। इसके साथ ही आगामी धार्मिक त्यौहारों के चलते कानून व्यवस्था एवं लोकशान्ति बनाये रखने की दृष्टि से उज्जैन जिले में दण्ड प्रक्रिया संहिता-1973 की धारा-144(1) के अन्तर्गत कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री शशांक मिश्र ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। यह आदेश आगामी दो माह तक प्रभावशील रहेगा।
    पुलिस अधीक्षक के प्रस्ताव अनुसार प्रतिबंधात्मक आदेश के तहत किसी भी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक स्थान पर शस्त्र एवं घातक अस्त्र का उपयोग अथवा प्रदर्शन किये जाने पर प्रतिबंधित किया जाना आवश्यक है। जिले में बिना अनुमति के धरना, प्रदर्शन, जुलूस, रैली एवं किसी भी प्रकार के आन्दोलन आदि तथा उक्त आयोजन के दौरान डीजे का उपयोग किया जाना उच्च न्यायालय के निर्देश अनुसार प्रतिबंधित करना अतिआवश्यक है। इसी तरह डीजे अर्थात ऐसे ध्वनि विस्तारक यंत्र, जिनका ध्वनि का स्तर 75 डेसीबल से अधिक हो, उन यंत्रों को सार्वजनिक स्थान पर प्रतिबंधित किया जाना आवश्यक है। उपरोक्त प्रस्ताव अनुसार जिले की आम जनता की सुविधा, सुरक्षा तथा कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी डॉ.आरपी तिवारी ने दण्ड प्रक्रिया संहिता-1973 की धारा-144(1) के अन्तर्गत जन-सामान्य के जानमाल एवं लोकशान्ति को बनाये रखने हेतु प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। प्रतिबंधात्मक आदेश के अन्तर्गत किसी भी व्यक्ति, समूह द्वारा सार्वजनिक स्थान पर शस्त्र एवं घातक अस्त्र का उपयोग अथवा प्रदर्शन करना प्रतिबंधित किया गया है। यह आदेश पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, बैंकों एवं सार्वजनिक स्थलों के प्रमाणित सुरक्षा गार्ड पर लागू नहीं होगा। जिले में अनुमति प्राप्त किये बिना सभा, धरना, प्रदर्शन, जुलूस, रैली, मंच निर्माण प्रतिबंधित किया गया है। जिले में डीजे जिनका ध्वनि स्तर 75 डेसीबल से अधिक हो, उन यंत्रों का उपयोग सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिबंधित किया गया है।
    आदेश के तहत किसी भी चिकित्सालय, नर्सिंग होम, दूरभाष केन्द्र, न्यायालय, शिक्षण संस्थान, शासकीय कार्यालय, स्थानीय प्राधिकरण कार्यालय एवं बैंक से 200 मीटर की दूरी के भीतर ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। एक वाहन एवं किसी एक स्थल पर दो से अधिक चीलम के उपयोग की अनुमति नहीं दी जायेगी। एडीएम ने बताया कि जिले के समस्त राजस्व अनुभाग के अनुविभागीय दण्डाधिकारी अपने-अपने क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत आवश्यकता होने पर विशेष परिस्थितियों में ध्वनि विस्तारक यंत्र की अनुमति देने के लिये सक्षम प्राधिकारी होंगे।
    आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144(2) के अन्तर्गत एकपक्षीय रूप से पारित किया है। कोई भी व्यक्ति इस सम्बन्ध में अपनी आपत्ति, आवेदन अधिनियम की धारा-144(5) के अन्तर्गत प्रस्तुत कर सकता है। उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड संहिता की धारा-188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा। यह आदेश 6 सितम्बर से आगामी दो माह तक प्रभावशील रहेगा।

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