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तराना तहसील के ग्राम परसोली में पहली ही बारिश में बहा सीसी निर्माण



परेशान रहवासियों ने कलेक्टर के समक्ष जनसुनवाई में दिया आवेदन 
उज्जैन | मंगलवार को बृहस्पति भवन में कलेक्टर श्री शशांक मिश्र, अपर कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता और अन्य अधिकारियों द्वारा सौ से अधिक आवेदनों पर जनसुनवाई की गई। तराना तहसील के ग्राम परसोली के निवासियों ने कलेक्टर श्री मिश्र के समक्ष आवेदन देकर शिकायत की कि ग्राम पंचायत परसोली एवं पिपल्याबजार में लगभग 75 लाख रुपये की लागत का सीसी निर्माण पहली ही बारिश में बह गया है। सीमेन्ट-कांक्रीट निर्माण तकनीकी स्वीकृति के अनुसार नहीं किया गया है। इसमें उत्तम श्रेणी का माल भी उपयोग में नहीं लिया गया है। इसके अलावा परसोली और पिपल्याबजार में नालियों का निर्माण कार्य भी नहीं किया गया है। अन्य कार्य जैसे सामुदायिक भवन और सीमेन्ट-कांक्रीट रोड में भी भ्रष्टाचार हुआ है। इस पर सीईओ जिला पंचायत को पूरे मामले की जांच कर दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
    इंदिरा कॉलोनी आगर नाका के रहवासियों ने आवेदन दिया कि उनके सौ परिवारों को आवास का पट्टा आवंटित किया जाये। इस पर नगर निगम आयुक्त को नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
    घट्टिया के ग्राम चककमेड़ निवासी बाबूलाल पिता सेवाजी ने आवेदन दिया कि वे मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। कई बार आवेदन देने के बाद भी उनका गरीबी रेखा का राशन कार्ड अभी तक नहीं बन पाया है। अत: उनका राशन कार्ड बनवाया जाये, ताकि वे सुविधाजनक तरीके से अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें। इस पर तहसीलदार घट्टिया को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
    उज्जैन के कलालसेरी निवासी विनोद पिता भूरालाल नीमा ने आवेदन दिया कि उक्त मोहल्ले में उनके स्वामित्व का दो मंजिला कवेलुपोश मकान है। उनका यह मकान 80 से 85 साल पुराना है। यह अत्यन्त जर्जर, कमजोर और खतरनाक हो गया है। उनके मकान के बाहर मार्ग पर आवागमन निरन्तर बना रहता है। यह मार्ग नईसड़क को नमकमंडी से जोड़ता है। मकान के जर्जर होने से किसी भी तरह की अनहोनी होने का खतरा निरन्तर बना हुआ है। आवेदक द्वारा इस सम्बन्ध में कई बार नगर निगम के झोन कार्यालय में शिकायत की गई है, परन्तु अभी तक निगम द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। आवेदक ने तत्काल मकान को गिराये जाने का निवेदन किया। इस पर कार्यपालन यंत्री उज्जैन नगर पालिक निगम को मौके पर जाकर निरीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही करने के लिये कहा गया।
    बोहरा कॉलोनी बिलोटीपुरा निवासी शबाना हुसैनी पति खोजेमा हुसैनी ने आवेदन दिया कि उनके स्वामित्व के भूखण्ड पर एक स्थानीय दबंग व्यक्ति द्वारा बलपूर्वक कब्जा कर लिया गया है। प्रार्थिया द्वारा इस सम्बन्ध में जीवाजीगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी, परन्तु अभी तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। प्रार्थिया ने उनके भूखण्ड पर से अवैध कब्जा हटवाये जाने की प्रार्थना की। इस पर पुलिस अधीक्षक को मामले में कार्यवाही हेतु आवेदन अग्रेषित किया गया।
    तराना के ग्राम चिकली निवासी भेरूसिंह पिता रणसिंह ने आवेदन दिया कि गांव में उनके स्वामित्व की कृषि भूमि पर पांच एचपी का स्थाई विद्युत कनेक्शन उनके पिता के नाम से लगवाया गया था। उक्त कनेक्शन में 25 एचपी का ट्रांसफार्मर लगा हुआ है, जो पिछले छह सालों से बन्द है। आवेदक द्वारा कई बार कार्यपालन यंत्री एमपीईबी तराना को ट्रांसफार्मर बदलने के सम्बन्ध में आवेदन दिया गया है, परन्तु आज तक उनका ट्रांसफार्मर नहीं बदला गया है, जिस कारण उन्हें बहुत परेशानी हो रही है। इस पर कनिष्ट अभियंता एमपीईबी माकड़ोन को स्थल पर जाकर निरीक्षण कर उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
    प्रियंका नगर के निवासियों ने आवेदन देकर शिकायत की कि जिस कॉलोनाईजर द्वारा उनकी कॉलोनी काटी गई थी, वहां पहले आने-जाने के लिये चार रास्ते दिये गये थे, लेकिन वर्तमान में तीन रास्ते कॉलोनाईजर द्वारा बन्द कर वहां प्लाट काट दिये गये हैं। एकमात्र रास्ता होने के कारण कॉलोनी निवासियों को आवागमन में बहुत परेशानी हो रही है। इस पर एसडीओ को मामले की जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने के लिये कहा गया।
    महिदपुर निवासी गोपालसिंह पिता खेमराज ने आवेदन दिया कि उनके स्वामित्व की भूमि के समीप प्रधानमंत्री सड़क निर्माण के तहत रोड बनाई गई थी। सड़क की ऊंचाई अधिक होने के कारण समीप में उनके खेत में बारिश का पानी भर गया है, जिस कारण उनकी फसल खराब हो गई है। अत: उन्हें बर्बाद हुई फसल का मुआवजा दिलवाया जाये। इस पर जीएम पीएमजीएसव्हाय को प्रार्थी के खेत से पानी की निकासी हेतु व्यवस्था करवाने के निर्देश दिये गये।
    अमरपुरा निवासी अब्दुल फरीद मंसूरी पिता नत्थे खान ने आवेदन दिया कि वे वृद्धावस्था में होते हुए कई असाध्य बीमारियों से पीड़ित हैं। उनके पास आय का अन्य कोई साधन नहीं है। अत: उन्हें बीपीएल कार्ड बनवाकर दिया जाये, ताकि वे विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ ले सकें। इस पर एसडीओ राजस्व को भरण-पोषण अधिनियम के अन्तर्गत आवेदक का प्रकरण दर्ज करने और अन्य आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। इसी प्रकार अन्य मामलों में कलेक्टर द्वारा जनसुनवाई की गई।

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