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ज्ञानमंदिर मे संवत्सरी क्षमापर्व, चैत्य परिपाटी जुलूस निकला, आज बोलेंगे मिच्छामि दुक्कड़ं



उज्जैन। पर्युषण महापर्व के अंतिम दिन सोमवार को श्री राजेन्द्रसूरी जैन ज्ञानमंदिर नमकमंडी में क्षमापना पर्व संवत्सरी मनाया गया। साध्वी मयूरिताश्रीजी द्वारा प्रातः बारसा सूत्र वाचन के साथ क्षमापना का महत्त्व बताया गया।
सुशीला देवी कंचनबाई कोठारी परिवार द्वारा प्रतिमाजी के लिये स्वर्ण के हार भेंट किये गये। 8 उपवास की तपस्या करने पर रमणलाल गिरिया, कमलेश कोचटा, शीतल कोठारी, लकी चोरड़िया का बहुमान मदनलाल रूनवाल, अनिल रूनवाल, नवीन बाफना, राजमल कोठारी द्वारा किया गया। चत्तारी अट्ठ दस दोय तप की आराधना करने पर आशा बेन खाबिया का बहुमान किया गया। श्रीसंघ की ओर से अध्यक्ष मनीष कोठारी द्वारा साध्वी जी से क्षमायाचना की गयी। संचालन संजय कोठारी ने किया। वीरेन्द्र गोलेचा ने बताया कि सभा के पश्चात चैत्य परिपाटी जुलुस निकाला गया जिसमें पौषध एवं आठ उपवास के तपस्वियों सहित ऊर्जा मंत्री पारस जैन भी शामिल हुए। ज्ञानमंदिर से प्रारम्भ इस परिपाटी ने नगर के प्रमुख जैन मंदिरो में सामूहिक दर्शन एवम् चैत्य वंदन किये। दोपहर 3 बजे संवत्सरी प्रतिक्रमण प्रारम्भ हुआ जिसमें शामिल होकर सभी जीवयोनियों से क्षमायाचना की गयी। आज 3 दिसंबर को सभी एक-दूसरे के घर जाकर क्षमायाचना करते हुए हाथ जोड़ कर मिच्छामिदुक्डम बोलेंगे।

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