स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर नियंत्रण रखें
कार्यवाही के लिये फाईल कलेक्टर को प्रस्तुत करने के निर्देश, कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली
उज्जैन | कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के नोडल अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने अधीनस्थ लिपिक, स्टोर कीपर, पर्यवेक्षक एवं एमपीडब्ल्यू के कार्यों पर सख्त नजर रखें तथा लापरवाही करने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के प्रस्ताव कलेक्टर को प्रस्तुत करें। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि समीक्षा बैठक में यदि नोडल अधिकारी सम्बन्धित स्टोर कीपर की या बाबू की शिकायत करते हैं तो यह माना जायेगा कि वे नियंत्रणकर्ता अधिकारी के पद पर कार्य करने के योग्य नहीं हैं। कलेक्टर ने इन्द्रधनुष अभियान में टीकाकरण का लक्ष्य 70 प्रतिशत से कम प्राप्त करने वाले विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये हैं। बैठक में अपर कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता एवं अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर ने जिला चिकित्सालय में स्थानान्तरित होकर आये लेब टेक्निशियन को तत्काल प्रभाव से नागदा पदस्थ करने को कहा है। साथ ही उन्होंने खाचरौद जनपद के ग्राम छापीहेड़ा एवं मड़ावदा में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी के बिना बताये एक माह से गायब होने के मामले में तुरन्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। कलेक्टर ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि एक माह बितने के बाद भी सम्बन्धित डॉक्टर के विरूद्ध कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई। कलेक्टर ने नये भर्ती हुए सात डॉक्टरों में से एक को छापीहेड़ा एवं मड़ावदा के स्वास्थ्य केन्द्र में नियुक्त करने के निर्देश दिये हैं।
बैठक में बताया गया कि असंचारी रोगों की पहचान करने के लिये विशेष स्क्रीनिंग अभियान जिले में चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर 49 प्रकार की एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर 14 प्रकार की जांच करवाई जाना है। साथ ही इस अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की ब्राण्डिंग का कार्य भी होना है। कलेक्टर ने इस अभियान को गंभीरता से लेने के निर्देश देते हुए कहा है कि प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जांच हेतु आवश्यक उपकरण एवं लेब टेक्निशियन की नियुक्ति तुरन्त प्रभाव से की जाये। उन्होंने उपकरणों के वितरण में लापरवाही करने वाले स्टोरकीपर के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करने को कहा है। उल्लेखनीय है कि जिले में ग्रामीण क्षेत्र में 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, शहरी क्षेत्र में सात प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 35 सामुदायिक केन्द्रों के माध्यम से इस अभियान का संचालन होना है।
बैठक में अपर कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता ने बताया कि जिले में 40 उप स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु जमीन आवंटित की जा चुकी है तथा इनके निर्माण के लिये टेण्डर की कार्यवाही तुरन्त करने के निर्देश पीआईयू को दिये हैं।
इन्द्रधनुष अभियान के लिये माइक्रो प्लानिंग करें
बैठक में कलेक्टर ने टीकाकरण अधिकारी को निर्देशित किया है कि आगामी 23 सितम्बर से 5 अक्टूबर तक इन्द्रधनुष अभियान के तहत किये जाने वाले टीकाकरण कार्य की माइक्रो प्लानिंग अभी से कर ली जाये, जिससे कि द्वितीय चरण 23 अक्टूबर से 2 नवम्बर एवं तृतीय चरण में 23 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक के कार्य आसानी से पूरे किये जायें एवं लक्ष्यों की प्राप्ति की जा सके। उल्लेखनीय है कि टीकाकरण से छूटे हुए पांच वर्ष तक के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर इनका सम्पूर्ण टीकाकरण कार्य किया जायेगा। टीकाकरण कार्य हेतु 1 से 15 सितम्बर तक सर्वेक्षण किया जाना है। कलेक्टर ने इन्द्रधनुष अभियान के लिये सुपरवाईजरों की नियुक्ति सेक्टरवार की जाये एवं नियुक्ति आदेश की प्रतिलिपि कलेक्टर को प्रस्तुत करने को कहा गया है।