गणेशोत्सव संस्कृति के वातावरण को शुध्द करने वाला, पर्यावरण को दूषित करने वाला नहीं
लोकमान्य तिलक गणेशोत्सव समिति द्वारा बनवाए जा रहे मिट्टी के गणेश की प्रतिमाओं का निरीक्षण करने पहुंचे विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री
उज्जैन। हिंदू धर्म के पर्व वातावरण को शुध्द करने वाले हैं, ऐसे ही गणेशोत्सव संस्कृति के वातावरण को शुध्द करने वाला पर्व है, यह पर्यावरण को दूषित करने का पर्व नहीं हो सकता।
उक्त बात लोकमान्य तिलक गणेशोत्सव समिति द्वारा नलियाबाखल क्षेत्र में बनवाए जा रहे मिट्टी के गणेश की प्रतिमाओं के निरीक्षण के दौरान विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री प्रफुल्ल आकांत ने कही। आपने कहा कि लोकमान्य तिलक गणेशोत्सव समिति ने प्लास्टर आॅफ पैरिस की मूर्ति को रोकने का काम किया, यह अभियान बड़ा रूप ले रहा है, पर्यावरण की रक्षा का यह अभियान जितना बड़ेगा वह देशहित में होगा। बच्चों से गणेशजी बनवाना अपने आप में एक पीढ़ी निर्माण का प्रयोग है, यदि बच्चे खुद मिट्टी के गणेश बनाएंगे तो वे जीवनभर स्वयं मिट्टी के गणेशजी विराजमान करेंगे। समिति 311 भगवान गणेशजी की मूर्तियां स्वयं की ओर से भेंट करेगी, देश के लिए यह बहुत मार्गदर्शक अभियान है, जो हर जिले में, हर प्रांत में हर गांव में होना चाहिये। संयोजक अनिल जैन कालूहेड़ा के अनुसार इस अवसर पर शुजालपुर के विधायक इंदरसिंह परमार, ओम जैन, विशाल राजौरिया, अमित श्रीवास्तव, जगदीश पांचाल आदि मौजूद रहे।