मुख्यमंत्री के उज्जैन आगमन पर हेलीपेड पर किया गया उनका आत्मीय स्वागत
उज्जैन | प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ का सोमवार को उज्जैन आगमन हुआ। उनके साथ लोक निर्माण मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री सज्जनसिंह वर्मा, जनसम्पर्क मंत्री श्री पीसी शर्मा एवं उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी का भी आगमन हुआ। स्थानीय हेलीपेड पर मुख्यमंत्री एवं मंत्रीगणों का आत्मीय स्वागत किया गया। इस अवसर पर घट्टिया के विधायक श्री रामलाल मालवीय, तराना विधायक श्री महेश परमार, नागदा विधायक श्री दिलीप गुर्जर, आलोट विधायक श्री मनोज चावला, बड़नगर विधायक श्री मुरली मोरवाल एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री श्री बाबूलाल मालवीय, पूर्व सांसद श्री सत्यनारायण पंवार, पूर्व विधायक श्री महावीर प्रसाद वशिष्ठ, श्री राजेन्द्र भारती एवं श्री महेश सोनी, श्री राजेन्द्र वशिष्ठ, श्री रवि शुक्ला, श्री कमल पटेल, श्री जगदीश ललायित, उज्जैन संभाग कमिश्नर श्री अजीत कुमार, पुलिस महानिरीक्षक श्री राकेश गुप्ता, कलेक्टर श्री शशांक मिश्र, पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर, स्थानीय पार्षदगण एवं जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।
मध्य प्रदेश की पहचान महाकाल से है – मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ
सोमवार को उज्जैन आगमन पर स्थानीय हेलीपेड पर मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने जिले के प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों से औपचारिक चर्चा की और बताया कि मध्य प्रदेश की पहचान महाकाल से है। उनकी इच्छा थी कि महाकाल परिसर का सौन्दर्यीकरण हो और परिसर व्यवस्थित रूप से विकसित किया जाये और इसी सोच को लेकर महाकाल विकास की योजना बनाई गई है। योजना 300 करोड़ की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि उनकी योजना का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत समय से यह मांग थी, साथ ही उनकी भी तमन्ना थी कि महाकाल के परिसर के लिये कुछ किया जाये। उन्होंने कहा कि यदि महाकाल क्षेत्र का विकास हो जाये तो अगले वर्ष सावन में पांच लाख श्रद्धालुओं के आगमन पर उनके रहने एवं अन्य व्यवस्थाएं सुचारू हो सकेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं के मनोरंजन के लिये भी कुछ किया जाये, यह योजना में शामिल है। इससे उज्जैन जिले का विकास होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष उज्जैन जिले में तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके द्वारा बनाई गई योजना का क्रियान्वयन यदि सही ढंग से हो जाये तो इससे जिले की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी। साथ ही आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेगी, जो सबके लिये लाभदायक रहेगी। उन्होंने कहा कि हमारी योजना है कि श्रद्धालु उज्जैन केवल दर्शन के लिये ही न आयें, जब वे आयें तो दो से तीन दिन रूकें, ऐसा प्रयास हम करेंगे।