बलिदान, शांति और प्रगति के पुष्पों से सजा बाबा महाकाल का दरबार
श्रावण मास के चैथे सोमवार को तिरंगे के तीन रंगों से महका बाबा का दरबार, स्वतंत्रता दिवस के पूर्व देशभक्ति के रंग में डूबेंगे भक्त
उज्जैन। स्वतंत्रता दिवस के पूर्व बाबा महाकाल का दरबार तिरंगे के तीन रंगों से नहाया। बलिदान, राष्ट्र के प्रति हिम्मत, निःस्वार्थ भावना के प्रतीक, अंहकार से मुक्ति और त्याग की भावना रखते हुए राष्ट्र की भलाई के लिए काम करने का प्रतीक केसरिया, राष्ट्र में शांति, शुद्धता, ईमानदारी, स्वच्छता और ज्ञान को दर्शाता सफेद रंग तथा विश्वास, उर्वरता, खुशहाली, हरियाली, समृद्धि, प्रगति को इंगित करता, उत्सवी और दृढ़ता का रंग भारत की मिट्टी की बाहरी और आंतरिक दुश्मनों से सुरक्षा करने हेतु प्रेरित करने वाले हरे रंग के पुष्पों से बाबा महाकाल का दरबार सजाया गया।
महाकाल मंदिर के पुजारी पं. प्रदीप गुरू की प्रेरणा से इंदौर के समाजसेवी हेमंत नीमा परिवार द्वारा स्वतंत्रता दिवस के पूर्व विश्व मंगल की कामना के साथ महाकाल मंदिर के गर्भगृह तथा नंदीहाल में पुष्प सज्जा करवाई गई है। पं. प्रदीप गुरू के अनुसार हेमंत नीमा द्वारा पूरे श्रावण के दौरान प्रत्येक सोमवार के पूर्व बाबा महाकाल के दरबार में पुष्प सज्जा कराई जाने का संकल्प लिया है। इंदौर से आए कलाकार किशोर वर्मा के साथ 20 लोगों की टीम ने बैंगलोर, पूना तथा थाईलैंड से मंगाए गए रजनीगंधा, मोगरा, गुलाब, गेंदा, ओरकिड, कार्नेशियन, एंडफोरियम, जरबेरा, डचरोज सहित अन्य 11 क्विंटल फूलों से बाबा का दरबार सजाया गया है।