23 वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ भगवान का निर्वाण महोत्सव
पार्श्वनाथ निर्वाण उत्सव पर लड़कियां करती है निर्जला उपवास
उज्जैन। 7 अगस्त बुधवार को इस वर्ष पार्श्वनाथ निर्वाण दिवस का महामहोत्सव तपोभूमि में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया व उपवास करने वाली लडकियो के लिए पूजा करने की विशेष व्यवस्था की गई कई लड़कियों ने पूजा भी की। पहला उपवास एवं अंतिम करने वाली लड़कियों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर कई लोग श्री महावीर तपोभूमि पहुंचे मांगलिक कार्यक्रम इस प्रकार है प्रातः 7 बजे से मंगल वाद्य (दो शहनाई वाले तपोभूमि के द्वार पर बैठकर दो घण्टे तक शहनाई बजायेंगे।)
प्रातः 8ः30 बजे से कलिकुण्ड पार्श्वनाथ भगवान का अभिषेक बड़ी भक्ति भाव पूर्वक प्रारंभ हुआ। प्रातः 9ः00 बजे बजे से उपवास करने वाली लड़कियों के द्वारा पूजा आराधना व प्रथम और अंतिम उपवास करने वाली लड़कियों का सम्मान प्रातः 10ः30 बजे भगवान पार्श्वनाथ जी के चरणों में निर्वाण कांड पूर्वक निर्वाण लाडू समर्पण तत्पश्चात संपूर्ण समाज का अल्पाहार आयोजित हुआ। संपूर्ण कार्यक्रम श्री महावीर तपोभूमि परिवार एवं प्रज्ञा कला मंच एवं प्रज्ञा पुष्प मंच तपोभूमि उज्जैन मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित किया गया।
श्री महावीर तपोभूमि ट्रस्ट के सचिव डॉ सचिन कासलीवाल ने बताया कि मुनि श्री प्रज्ञा सागर जी महाराज के आशीर्वाद से प्रतिवर्ष श्री महावीर तपोभूमि में भगवान पार्श्वनाथ का निर्वाण महोत्सव बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष भी मनाया गया जिसमें जिसमें ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष अशोक जैन चायवाला, अध्यक्ष कमल मोदी, कोषाध्यक्ष इंदरमल जैन, उपाध्यक्ष विमल जैन, धर्मचंद पाटनी, सचिव दिनेश जैन सुपर, फूलचंद छाबड़ा, संजय जैन, भूषण जैन, अनिल बुखारिया, गिरीश बिलाला, धीरेंद्र सेठी, प्रज्ञा कला मंच के अध्यक्ष सलोचना सेठी, सचिव अंजू ओम जैन, सारिका जैन, मोनिका सेठी, प्रज्ञा बाल मंच की बालिकाओं के साथ संपूर्ण समाज मौजूद थे।
कई बालिकाओं का निर्जला उपवास होने पर उनका सम्मान किया गया है जिसमें आर्या कासलीवाल, अनुभूति शाह, मनुश्री जैन, प्रेरणा सेठी, टीना जैन आदि कई बालिकाओं का शाल श्रीफल दुपट्टा पहनाकर सम्मान किया गया। भगवान पार्श्वनाथ निर्वाण उत्सव पर उज्जैन के सभी दिगंबर मंदिरों में अच्छी खासी भीड़ रही सुबह से ही श्रीजी का अभिषेक पूजा शांति धारा अनेक कार्यक्रमों के साथ साथ सभी मंदिरों में जिन जिन बालिकाओं ने उपवास किया था वह सब बालिकाएं भी सुबह से ही सभी मंदिरों के दर्शन करने जा रही थी एवं भक्ति भाव पूर्वक सभी मंदिरों में भजन एवं पूजन कर रही थी।