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राम शब्द सुख, शांति के धाम का सूचक -अमृतलाल अमृत



मानस भवन क्षीरसागर पर मनाई गोस्वामी तुलसीदास जयंती
उज्जैन। गोस्वामी तुलसीदास की रामचरित मानस की लोकप्रियता का कारण यही है कि इसमें आदि से अनंत तक जीव मात्र का परमात्मा से स्वाभाविक प्रेम वर्णित हुआ है। परमात्मा भी चराचर जीवों के लिए सदैव व्याकुल रहते हैं। रामलीला और रासलीला युगों युगों से हमारे प्रेममय मानस को आनंदित करती है। तुलसीदास लोक मानस में सफल चितेरे थे। राम शब्द सुख, शांति के धाम का सूचक है।
उक्त बात मानस भवन क्षीरसागर पर गोस्वामी तुलसीदास जयंती समारोह के अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमृतलाल अमृत ने कही। इस अवसर पर महिला संगीत मंडल द्वारा हनुमान चालीसा का गायन किया गया। पं. संजय व्यास, पं. संतोष शर्मा, संजय बजाज, अमित मंत्री, अनिल गौड़ आदि ने गोस्वामी तुलसीदास के चित्र पर पुष्प चढ़ाये। कार्यक्रम का संचालन दिनेश सुखनंदन जोशी ने किया।

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