श्रावण महोत्सव की तीसरी सांझ आज
उज्जैन | श्रावण महोत्सव की तीसरी सांझ पर रविवार 4 अगस्त को एक बार फिर गायन, वादन एवं नृत्य की त्रिवेणी कला से भारत एवं दुनिया के कोने-कोने से आये श्रद्धालुजन एवं भारत की प्राचीनतम नगरी उज्जयिनी के कला रसिक मंत्र मुग्ध होंगे। महाकाल प्रांगण में स्थित महाकाल प्रवचनहॉल में चल रहे श्रावण महोत्सव की शाम नागपंचमी की पूर्व संध्या में शास्त्रीय विधाओं के रस से भगवान शिव की आराधना की जावेगी। शास्त्रीय गायन, वादन एवं नृत्य कला की तीसरी सांझ की विस्तृत जानकारी देते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के उपप्रशासक एवं डिप्टीकलेक्टर श्री आशुतोष गोस्वामी ने बताया कि नागपंचमी का त्यौहार और श्रावण सोमवार की पूर्व संध्या के सुखद संयोग पर शिव की आराधना पारंपरिक शास्त्रीय गायन, वादन, नृत्य की त्रिवेणी से की जावेगी।
आज की शाम सायं 6.30 बजे से 10.30 तक चलने वाली इस कला सांझ का प्रारंभ स्थानीय कलाकार डॉ. ऋचा बेडेकर के सरोद वादन से प्रारंभ होकर उज्जैन की ही नृत्यांगना सुश्री मोनिका यादव, कु. अवनि शुक्ला एवं कु. अनन्या गोर अपनी युगल नृत्य की चिरपरिचित भाव भंगिमाओं से श्रद्धालुओं एवं कलारसिकों के मन मोह लेंगी। वहीं अंतिम एवं चौथी प्रस्तुति गायन विधा के रूप में देश के चोटी के गायक संगीत नाटक अकादमी अवार्ड से विभूषित सुप्रसिद्ध ध्रुपद गायक द्वय श्री प्रशांत मलिक एवं श्री निशांत मलिक अपनी गायकी की अनुगूंज को संपूर्ण महाकाल वन में बिखेरेंगे। कार्यक्रम में अतिथी के रूप में उज्जैन के वरिष्ठ संगीतकार पं. श्रीधर व्यास, शासकीय कन्या वि. की प्राध्यापक एवं गायिका श्रीमती अर्चना परमार के साथ महाकाल मंदिर के प्रशासक श्री अवधेश शर्मा मंदिर समिति के सदस्य पं. विजय शंकर शर्मा पुजारी, श्री आशीष पुजारी और श्री दीपक मित्तल मौजूद रहेंगे।