जीवन की आशा छोड़ चुकी महिला की सरकारी अस्पताल ने जान बचाई
उज्जैन | चरक भवन मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में नागदा तहसील के ग्राम हिड़ी के भारतसिंह अपनी मरणासन्न पत्नी श्रीमती कृष्णाबाई को उज्जैन के चरक चिकित्सालय में लेकर आये। यहां पर स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.संगीता पलसानिया ने जब उनकी पत्नी का परीक्षण किया तो पाया कि उनकी बच्चादानी फट गई, जिसके कारण अत्यधिक रक्त बहने से हिमोग्लोबिन मात्र 6 ग्राम रह गया था। यह अत्यन्त ही गंभीर श्रेणी का प्रकरण था। गंभीर स्थिति को देखते हुए तत्काल चिकित्सकों द्वारा नि:शुल्क ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया गया एवं तुरन्त ही ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.पलसानिया द्वारा मरीज का सफल ऑपरेशन किया गया। अब श्री भारतसिंह की पत्नी स्वस्थ है। उनके परिजन एवं पति इस बात से बेहद प्रसन्न हैं कि उनका एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ और पत्नी की जान बच गई। यदि यही ऑपरेशन किसी निजी चिकित्सालय में होता तो 40 से 50 हजार रुपये का खर्च आता।
उल्लेखनीय है कि चरक भवन स्थित मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में एक अप्रैल 2019 से आज दिनांक तक कुल 2247 प्रसव करवाये गये हैं। इसमें 660 सफल सिजेरियन ऑपरेशन व 1587 सामान्य प्रसव हुए हैं। चरक भवन में प्रशिक्षित स्टाफ एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों के माध्यम से आमजन के लिये नि:शुल्क प्रसव सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जहां प्रायवेट अस्पतालों में सिजेरियन ऑपरेशन का खर्चा 65 से 70 हजार रुपये आता है, वहीं यह सुविधा चरक अस्पताल में नि:शुल्क उपलब्ध है।