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दीपों की रंगोली सजाई, आचार्यश्री के जन्मोत्सव पर गूंजी बधाई



आचार्य सागरानंद सूरी की १४५वीं जन्म जयंति पर खाराकुंआ मंदिर में हुए कार्यक्रम व गुणानुवाद सभा, महिला मंडलों ने दी आकर्षक प्रस्तुति, गुरु के गुणों का अनुसरण करने का लिया संकल्प
उज्जैन। सागर समुदाय के प्रथम आचार्य आगमोद्धारक सागरानंद सूरी की १४५वीं जन्म जयंति खाराकुंआ स्थित श्री सिद्धचक्रराधान केसरियानाथ तीर्थ पर उल्लास के साथ मनाई गई। १४५ दीप प्रज्जवलि कर रंगोली सजाई गई और गई और आचार्यश्री का संस्मरण करते हुए बधाई गीत गाए। महिला मंडलों ने जन्मोत्सव आधारित नृत्य प्रस्तुति दी तो पालना झुलाकर खुशीयां मनाई। गुरु गुणानुवाद के साथ समाजजनों ने आचार्यश्री के बताएं मार्ग पर चलने का संकल्प लिया और कहां की यदि उनके द्वारा जैन शास्त्र आगम का पुर्नउद्धार नहीं किया जाता तो शायद हम लोगों तक प्रभू की वाणी नहीं पहुंचती।
कार्यक्रम के आरंभ में साध्वी हेमेंद्रश्रीजी, चारुदर्शाश्रीजी म.सा. की निश्रा में आचार्यश्री के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन हुआ। २७ दिन की पाश्र्वी अभिषेक जैन के हाथों से ये प्रक्रिया हुई। कल्याणमल खलीवाला परिवार ने चढ़ावे का लाभ लिया। गुणानुवार सभा की मुख्य वक्ता सैलाना के शीतल तीर्थ कि अधिष्ठात्री डॉ. सविता जैन ने कहां की आचार्य श्री ने आगमों का जो संरक्षण किया उसी को आज दिगंबर-श्वेतांबर जैन समाज में मान्यता है। नाम में कुछ भिन्नता हो सकती है लेकिन उनके योगदान को सब मानते है। आज उनकी जन्म जयंति तभी सार्थक है जब हम उनके बताएं मार्ग का अनुसरण करें। इसके पूर्व ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी ट्रस्ट सचिव जयंतिलाल तेलवाला, गौतमचंद धींग, नरेंद्र तरसिंग, रमणलाल जैन, तेजकुमार सिरोलिया, संजय जैन ज्वेलर्स आदी ने उनका व नेमीचंद जैन का शॉल श्रीफल से स्वागत किया। संचालन अशोक भंडारी व प्रमोद जैन ने किया। आभार संजय जैन खलीवाला ने माना। इस मौके पर समाज के प्रकाश नाहर, सुरेश मिर्चीवाला, राहुल कटारिया, सुभाष कोठारी, संतोष सर्राफ सहित अन्य समाजजनों मौजूद रहे। 
२०० लोगों ने किया सामूहिक एकासना 
श्रावणी सुदी अमावस्या व जन्म जयंति पर समाज के २०० लोगों ने सामूहिक रुप से गरम जल एकासना किया। जिसका लाभ बबलू भंसाली परिवार ने लिया। कार्यक्रम में नवरत्न महिला मंडल व मनोहर इंदु महिला मंडल कि सदस्यों ने मनभावन सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। इस दौरान सैकड़ों समाजजन मौजूद रहे।

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