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गैर हिंदू ने किया खाना डिलीवर, ग्राहक ने लेने से किया मना, जोमेटो ने दिया जवाब-'खाने का नहीं होता धर्म'



जबलपुर । ऑनलाइन बुकिंग के बाद घर पर भेजे गए भोजन को एक युवक ने सिर्फ इसलिए नहीं लिया, क्योंकि उसको देने गैर हिंदू आया था। उसने धर्म का वास्ता देकर ऑर्डर कैंसिल कर दिया। इसको लेकर ट्वीट भी किया। इसके जवाब में भोजन की सप्लाई करने वाली जोमैटो कंपनी ने भी ट्वीट किया। उसने लिखा-भोजन का कोई धर्म नहीं होता है। भोजन खुद एक धर्म है। जोमैटो का जवाब वायरल हो गया। अब यह विवाद सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। समाचार लिखे जाने तक पूरे देश में 40 हजार से ज्यादा लोग इस मामले में ट्वीट कर चुके थे।

जबलपुर में रहने वाले अमित शुक्ला की पत्नी सिमरन मंगलवार को घर पर नहीं थीं। ऐसे में अमित ने रात के खाने के लिए शहर के एक शाकाहारी भोजनालय से खाना भेजने को लेकर जोमैटो कंपनी में ऑर्डर किया। ऑर्डर बुक होते ही उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि अगले 15 मिनट में आपके घर खाना पहुंच जाएगा। मैसेज में खाना पहुंचाने वाले एक गैर हिंदू युवक का नाम लिखा था।

अमित ने जैसे ही मैसेज में डिलीवरी बॉय के नाम की जगह एक गैर हिंदू युवक का नाम देखा तो उन्होंने फोन कर कंपनी से कहा कि यदि डिलीवरी बॉय बदल दिया जाए तो बेहतर होगा। इस पर कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि ऐसा संभव नहीं है। आप चाहें तो ऑर्डर रद्द कर सकते हैं, लेकिन आपने जो भुगतान किया है, वह राश्ाि वापस नहीं मिलेगी। इसके बाद अमित ने ऑर्डर रद्द कर दिया।

ऐसे शुरू हुआ विवाद
जोमैटो कंपनी और अमित शुक्ला के बीच जो संवाद हुआ, उसे लेकर अमित ने ट्वीट कर दिया कि सावन महीने में वह एक गैर हिंदू युवक के हाथ से खाना नहीं ले सकते। इस पर जोमैटो कंपनी के ऑफिशियल टि्वटर हैंडल से ट्वीट किया गया। इसमें लिखा गया कि खाने का कोई धर्म नहीं है। खाना स्वयं एक धर्म है। यह टिप्पणी आते ही सोशल मीडिया पर यह पूरा मामला चर्चा में आ गया।

सावन में रहता है उपवास 
सावन में दिन के समय उपवास रहता है, शाम को खाना खाते हैं। मंगलवार को पत्नी घर पर नहीं थी, इसलिए रात के खाने के लिए जोमैटो में ऑर्डर किया था। लेकिन, डिलीवरी बॉय के गैर हिंदू होने पर आपत्ति दर्ज कराई - अमित शुक्ला

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