दूध और दूध से बने पदार्थों में मिलावट की सख्ती से रोकथाम की जाये -स्वास्थ्य मंत्री श्री सिलावट
सभी कलेक्टर दूध से बने पदार्थों में मिलावट करने एवं नकली मावा बेचने वालों के विरूद्ध, गंभीर अभियान चलाकर सख्त कार्यवाही सुनिश्चित करें -मुख्य सचिव श्री मोहन्ती
उज्जैन | प्रदेश के परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट एवं प्रदेश के मुख्य सचिव श्री सुधिरंजन मोहन्ती ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी संभाग के कमिश्नर एवं सभी जिला कलेक्टर्स तथा पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया कि वे दूध एवं दूध से बने पदार्थों में मिलावट करने वाले एवं नकली मावा एवं घी बनाने वाले तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करना सुनिश्चित करें एवं कठोर एक्ट लगाकर उन्हें सजा दिलाने का हरसंभव प्रयास करें। स्वास्थ्य मंत्री ने सभी कमिश्नर एवं कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि कुछ समय से प्रदेश में मिलावटी दूध, मावा एवं घी तथा दूध से बने अन्य मिलावटी पदार्थ पकड़े गये हैं और लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं कि प्रमुखता से मिलावट का कार्य किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह दु:खद है। ऐसे कार्य करने वाले समाज विरोधी तत्वों पर कठोर कार्यवाही कर उन्हें सजा दिलाई जाये। ऐसे तत्वों के मन में डर और भय की भावना आये, ताकि वे मिलावट करने से पहले सोचें। उन्होंने कहा कि कार्यवाही करते हुए जिला प्रशासन यह अवश्य ध्यान रखे कि इस कार्यवाही से कोई निर्दोष व्यक्ति परेशान न हो, लेकिन दोषी व्यक्ति किसी कीमत पर न छूट पाये। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की भी यह मंशा है कि ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही कर समाज में एक सन्देश दिया जाये।
मुख्य सचिव श्री मोहन्ती ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि वे अपने-अपने जिले में दूध एवं दूध से बने पदार्थों में मिलावट करने वाले एवं नकली घी एवं मावा बेचने वाले व्यक्तियों पर गंभीर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। कार्यवाही ऐसी होनी चाहिये कि दोषी व्यक्ति भविष्य में दोबारा ये कार्य न करें। उन्होंने कहा कि इसके लिये सभी कलेक्टर्स आने वाले दिनों में एक गंभीर और प्रभावी अभियान चलायें। उन्होंने कहा कि इस अभियान में पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग, पशुपालन विभाग, सहकारिता विभाग एवं अन्य विभाग आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे।
उज्जैन कमिश्नर श्री अजीत कुमार ने बताया कि जिले में मिलावट करने वालों के विरूद्ध प्रकरण बनाये गये हैं। अब तक 166 पदार्थों के सेम्पल लिये गये हैं, जिनमें 116 सेम्पल पास हुए हैं तथा 35 सेम्पल टेस्ट में फेल हुए हैं। 30 प्रकरण कोर्ट में दायर किये गये हैं, जिनमें से एक प्रकरण में 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कलेक्टर को निर्देश दिये गये हैं कि पुराने प्रकरणों पर भी नियमानुसार प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि डीपीएम एवं एडीपीओ का यदि सहयोग मिले तो ऐसे तत्वों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित हो जायेगी।
मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निर्देश दिये कि पूरे प्रदेश में आने वाले दिनों में सभी कमिश्नर एवं कलेक्टर्स ऐसी प्रभावी कार्यवाही करें कि देश ऐसी कार्यवाहियों को याद करे। जिला परिवहन विभाग दूध का परिवहन करने वाले वाहनों पर निगरानी रखे एवं यदि कुछ भी संदिग्ध पाया जाता है तो उस वाहन की सघन चैकिंग करें। मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि प्रभावी कार्यवाही हर जिले, तहसील एवं ब्लॉक में होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि दूध से बने पदार्थों में मिलावट करने वालों पर प्रभावी कार्यवाही करते हुए उन्हें जिला बदर भी किया जाये। उन्होंने कहा कि ऐसे जघन्य अपराध करने वाले व्यक्ति देशद्रोह का कार्य कर रहे हैं। श्री मोहन्ती ने बताया कि संभाग स्तर पर जो भी लेब हैं, उन्हें विकसित किया जायेगा। नगर निगम में भी जो टेस्टिंग सुविधा है, उसे विकसित किया जायेगा और इसके लिये आवश्यक धनराशि मुहैया कराई जायेगी। मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि मिलावटी दूध के विरूद्ध कार्यवाही मिल्क प्रोडक्ट एक्ट 1992 के अनुसार की जाये। कार्यवाही करते समय दोषी व्यक्ति का नाम लिखा जाये। अज्ञात व्यक्ति के नाम पर कोई प्रकरण न बनाकर सभी प्रकरण दोषी व्यक्ति के नाम पर बनाये जायें।
श्री मोहन्ती ने दस्तक अभियान की भी समीक्षा की और उन्होंने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे इस अभियान के अन्तर्गत गलत जानकारी न देते हुए सही रिपोर्टिंग करें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की प्रत्येक माह के पहले सप्ताह में समीक्षा की जायेगी। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पल्लवी जैन गोविल ने भी प्रजेंटेशन के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जाने वाले कार्यों के सम्बन्ध में जानकारी दी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान आईजी श्री राकेश गुप्ता, कलेक्टर श्री शशांक मिश्र, रतलाम कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान, आयुक्त नगर निगम सुश्री प्रतिभा पाल सहित स्वास्थ्य विभाग, नगरीय प्रशासन, पशुपालन, सहकारिता एवं अन्य विभाग के सम्बन्धित अधिकारीगण मौजूद थे।