योग जीवन जीने की एक कला
उज्जैन। सोहम योग ग्रुप द्वारा गुरूपूर्णिमा के अवसर पर सांदीपनि आश्रम पर योग गुरू सरिता पांडेय एवं पायलखेमानी का सम्मान किया। इस अवसर पर सोहम योग ग्रुप के सभी सदस्य परिवार के साथ उपस्थित हुए।
सम्मान कार्यक्रम पर योग गुरू सरिता पांडेय ने सभी की अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए कहा कि आज के समय प्रत्येक व्यक्ति को योग आवश्यक हो गया है। योग केवल स्वास्थ्य के लिए ही नहीं सकारात्मक जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। योग उत्तम स्वास्थ्य के साथ जीवन में खुशियों को बढ़ाने का काम करता है। योग जीवनजीने की एक कला है ये मानसिक रूप, आध्यात्मिक रूप, शारीरिक रूप और वैज्ञानिक रूप में भी काम करता है। इसलिए इसका प्रयास निरंतर सतत करते रहे। योग गुरू पायलखेमानी ने सभी के उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हुए सभी सदस्यों से आव्हान किया कि योग का प्रचार प्रसार बहुत आवश्यक है। जिंदगी को स्वच्छ एवं उर्जावाद बनाए रखने के लिए योग एक रामबाण दवा है जो मस्तिष्क को शांत एवं शरीर का स्वस्थ रखता है। श्रीमद्भागवत गीता में लिखा है कि योग स्वयं की स्वयं के माध्यम से स्वयं तक पहुंचने की यात्रा है। योग कोई होड़ नहीं है कहीं पहुंचने की दौड़ नहीं है। यह तो एक शांत अनुभूति का नाम है सेहत का ही नहीं सुकून का भी दूसरा नाम है योग। संचालन मिलिंद तेलंग ने किया। इस सम्मान समारोह में मधु लढ्ढा, सरिता बाहेती, धर्मेन्द्र रघुवंशी, संजय राजश्री सुगंधी, मनीषा डागा, उषा छजलानी, शालिनी, संध्या तेलंग, सुशीला परमार, रूपाली पेढणेकर, प्रीति पंड्या, पल्लवी जैन आदि विशेष रूप से उपस्थित थे। आभार पुष्कर बाहेती ने माना।