अतिथि शिक्षकों ने इतिहास रचा, गुरू पूर्णिमा पर गुरूओं एवं शिष्यों का सम्मान हुआ
उज्जैन | “गुरूर्ब्रह्मा गुरूर्विष्णु, गुरूर्देवो महेश्वर:। गुरू साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरवै नम:।” गुरू को नमन करने का अवसर गुरू पूर्णिमा से बढ़कर कोई अवसर हो नहीं सकता। अवसर था आषाढ़ शुक्ल व्यास पूर्णिमा पर आयोजित महर्षि सान्दीपनि स्मृति समारोह में लाईम लाईट से दूर ऐसे गुरूओं का सम्मान करने का, जिन्होंने अपना श्रम, बुद्धि एवं समय लगाकर होनहार छात्रों को आगे बढ़ने के लिये प्रेरित किया व उन्हें सफलता दिलाई। नियमित शिक्षकों की सफलता तो जहां कई बार देखने को मिलती है, लेकिन इस बार दो अतिथि शिक्षकों की वजह से लड़कियों ने 12वी में 93 एवं 92 प्रतिशत अंक लाकर मिसाल कायम कर दी। यह विशेष रूप से रेखांकित करने लायक है।
गुरू ऐसा पारस पत्थर है, जिसके स्पर्श मात्र से लोहा सोना बन जाता है। कुछ इसी तरह से शासकीय उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय माधव नगर की अतिथि शिक्षक सुश्री सारिका उपाध्याय एवं शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धानमंडी की अतिथि शिक्षक सुश्री रीता शर्मा की मेहनत रंग लाई और क्रमश: कु.जान्हवी सिंह ने भौतिकशास्त्र में 92 प्रतिशत व कु.प्रीति बारोठिया ने वाणिज्य में बहीखाता विषय में 93.3 प्रतिशत अंक लाकर जिले में न केवल अपना बल्कि अपने स्कूल, शिक्षक एवं परिवार का नाम रोशन किया है। यह शिक्षकों का डिवोशन ही था कि बच्चों को इस तरह की उपलब्धी लाने के लिये उन्हें प्रेरित किया। महर्षि सान्दीपनि स्मृति महोत्सव में मंगलवार को कुल 10 छात्राओं और उनके प्रेरित करने वाले 13 शिक्षकों को प्रभारी मंत्री श्री सज्जनसिंह वर्मा ने सम्मानित किया और उनकी इस उपलब्धी की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
सान्दीपनि स्मृति समारोह में शासकीय उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय की छात्रा कु.रिया रानी, कु.बाला यादव, यश शर्मा, कु.मुस्कान, शासकीय कन्या उमावि सराफा की कु.नन्दनी, तैयबी इंगलिश मीडिया स्कूल की कु.झायरा और सरस्वती विद्या मन्दिर मारूतिगंज के धीरज राठौर को प्रशस्ति-पत्र प्रदान किये गये। इन सभी छात्रों ने 76.6 से लेकर 99 प्रतिशत अंक 10 एवं 12वी कक्षा में हासिल किये हैं। इन छात्रों को प्रेरित करने के लिये शिक्षक राजेश गंधरा, तृप्ति नागर, हर्षा रानी, हितेन्द्र यादव, राधेश्याम वर्मा, भरत व्यास, प्रदीप त्रिवेदी, आरती हरणे, शेरबानो बुरीवाला, वर्षा सुगंधी एवं चन्द्रपाल सिंह राजपूत को भी विशेष गुरू होने का सम्मान प्राप्त हुआ।