कॉरपोरेट टैक्स की दर 30 फीसद से घटाकर 25 फीसद करने का एलान
नई दिल्ली। जीएसटी संग्रह बढ़ने पर सरकार बड़ी कंपनियों के लिए भी कॉरपोरेट टैक्स की दर 30 फीसद से घटाकर 25 फीसद कर सकती है। केंद्र ने बुधवार को उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को इस बारे में आश्वासन देते हुए कहा कि सुधारों की प्रक्रिया जारी रहेगी। वित्त मंत्रालय में उद्योग संगठन फिक्की के पदाधिकारियों से मुलाकात में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह भरोसा दिया।
वित्त मंत्री ने कहा कि सुधारों की प्रक्रिया जारी रहेगी और सरकार का फोकस टैक्स की दर कम करने तथा टैक्स का आधार बढ़ाने पर रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ऊंची विकास दर बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि इसका लाभ समाज के कमजोर तबके सहित सभी वर्गों तक पहुंचे।
बैठक के बाद फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने बताया कि वित्त मंत्री से टैक्स, रोजगार सृजन और औद्योगिक उत्पादन को बढ़ावा देने संबंधी मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि जैसे-जैसे जीएसटी संग्रह बढ़ेगा, आने वाले समय में बड़े कॉरपोरेट के लिए भी कॉरपोरेट टैक्स की दरों को तर्कसंगत बनाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2015-16 के आम बजट में एलान किया था कि अगले चार साल में कॉरपोरेट टैक्स की दर 30 फीसद से घटाकर 25 फीसद पर लाई जाएगी तथा कंपनियों को मिल रही विभिन्न प्रकार की छूट को चरणबद्ध ढंग से समाप्त किया जाएगा।
इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए 2017 के बजट में सरकार ने उन कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 30 फीसद से घटाकर 25 फीसद करने का एलान किया था, जिनका सालाना टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से कम था। इससे टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाली 96 फीसद कंपनियों को लाभ हुआ था। इसके बाद 2018-19 के बजट में सालाना 250 करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए भी कॉरपोरेट टैक्स की दर को घटाकर 25 फीसद कर दिया गया।
अब टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाली सात लाख कंपनियों में से सिर्फ सात हजार कंपनियां ही ऐसी बची हैं जिनका सालाना टर्नओवर 250 करोड़ रुपये से अधिक है और उन पर 30 फीसद की दर से कॉरपोरेट टैक्स लगता है। वित्त मंत्री के आश्वासन के बाद इनके लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर कम होने की उम्मीद बनी है। भारतीय उत्पादों को जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफेरेंस (जीएसपी) से हटाने संबंधी अमेरिका के निर्णय के बारे में सोमानी ने कहा कि इससे भारतीय उद्योग कम प्रतिस्पर्धी रह जाएगा।
उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस संबंध में अमेरिका से बातचीत करेगी ताकि भारतीय उत्पादों को मिल रही यह सुविधा खत्म न हो। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह भारत और तुर्की को मिल रही जीएसपी की सुविधा को खत्म करना चाहते हैं, क्योंकि भारत ने वाजिब तौर पर अपने बाजार अमेरिका के लिए नहीं खोले हैं। ट्रंप के इस एलान को द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।