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एक्‍सपर्ट्स -मोदी नहीं बने दोबारा पीएम तो नीचे गिर जाएगा रूपया



मुंबई। लोकसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आने के साथ ही शेयर बाजार और रुपए में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि नरेंद्र मोदी दोबार प्रधानमंत्री बनने में विफल रहते हैं, तो एक डॉलर की वैल्यू 75 रुपए से ऊपर निकल जाएगी।

दिलचस्प संयोग है कि इंडोनेशिया में भी चुनाव होने हैं और वहां ओपिनियन पोल के नतीजे दर्शा रहे हैं कि 17 अप्रैल को होने वाले चुनाव में राष्ट्रपति जोको विडोडो एक बार फिर विजयी होंगे। दूसरी तरफ मोदी के मामले में पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि वे एक बार फिर भारी मतों से जीत हासिल कर लेंगे। ऐसे स्थिति में इंडोनेशिया का रुपिया भारतीय रुपए को मात दे सकता है।

सिंगापुर स्थित टॉरस वेल्थ एडवाइजर्स के कार्यकारी निदेशक रेनर माइकल प्रीस ने कहा, 'रुपए के मुकाबले रुपिया निवेशकों के लिए बेहतर रिस्करिवॉर्ड ऑफर कर रहा है। इंडोनेशिया के मामले में हमारी राय है कि वहां यदि यथास्थिति बनी रहती है,तो यह अच्छी बात होगी। दूसरी तरफ यदि मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनने में सफल नहीं हो पाते हैं तो लोग इसे नकारात्मक परिघटना मानेंगे, नतीजतन रुपए में भारी गिरावट आ सकती है।'

इस साल अब तक के प्रदर्शन पर गौर करने से पता चलता है कि रुपिया स्पष्ट तौर पर निवेशकों के लिए पसंदीदा करेंसी है। मसलन, एक जनवरी से अब तक इंडोनेशिया के शेयर और बॉन्ड बाजार में तकरीबन 3 अरब डॉलर की विदेशी पूंजी आ चुकी है। दूसरी तरफ इसी दौरान भारतीय शेयर एवं बॉन्ड मार्केट से लगभग 100 अरब डॉलर की विदेशी पूंजी निकल चुकी है। ऐसे में रुपए की विनिमय दर पर दबाव बनना स्वाभाविक है।

आईएनजी का आकलन
सिंगापुर स्थित आईएनजी ग्रुप एनवी के अर्थशास्त्री प्रकाश सकपाल का कहना है कि यदि मोदी एक बार फिर भारत के प्रधानमंत्री नहीं चुने जाते हैं तो ऐसी स्थिति में रुपया कमजोर होकर 75 प्रति यूएस डॉलर से भी नीचे आ सकता है। डीबीएस बैंक का विश्लेषण डीबीएस बैंक के ट्रेडिंग हेड आशीष वैद्य ने कहा, 'कच्चे तेल की कीमतें बढ़ना, कश्मीर में तनाव चरम पर पहुंचना और राजनीतिक अनिश्चितता के कारण भारतीय करेंसी के लिए जोखिम बढ़ गया है। यदि नकारात्मकचीजें बरकरार रहती हैं, मसलन कश्मीर में हालात ज्यादा खराब होते हैं तो रुपया जल्द 73 का स्तर लांघ सकता है।'

कश्मीर तनाव का भी असर
इस साल अब तक रुपया सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली एशियाई करेंसी रही है।
गिरावट शुरू होने से पहले रुपया सबसे उम्दा प्रदर्शन वाली एशियाई करेंसी थी।
कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और कश्मीर में तनाव बढ़ना इसके बड़े कारण रहे।
दिसंबर, 2018 के आखिर से अब तक रुपए में 2.4 प्रतिशत गिरावट आ चुकी है।
सोमवार को एक यूएस डॉलर की वैल्यू घटकर 71.34 रुपए के स्तर पर पहुंच गई।
इस साल जनवरी की शुरुआत में एक यूएस डॉलर की वैल्यू 69.23 रुपए थी।

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