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आज है शनि अमावस्‍या, भूलकर भी न करें ये काम ...



5 जनवरी, शनिवार को पौष मास की अमावस्या है। शनिवार को अमावस्या होने से शनिश्चरी अमावस्या का योग बन रहा है। ये साल 2019 की पहली शनि अमावस्या है। 
अमावस्या के दिन व्रत रखने से घर में खुशहाली आती है और मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्ट दूर होते है। जिन लोगों की कुंडली में अर्ध काल सर्प योग होता है या फिर पूर्ण काल सर्प योग होता है उन्हें इस दिन इससे मुक्त होने के उपाय करने चाहिए। मान्यता के अनुसार शनि अमावस्या के दिन दान और पुण्य से पितृ दोष दूर होते हैं। इसके अलावा इस दिन केतु व शनि की पीड़ा से भी मुक्ति पाई जा सकती है।
इस दिन शनिदेव की पूजा और उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए। शनिदेव के 10 नाम वाले मंत्र और उसकी जाप विधि इस प्रकार है-

पूजन विधि
मंत्र
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।

ये हैं शनिदेव के 10 नाम...
कोणस्थ 
पिंगल 
बभ्रु 
कृष्ण 
रौद्रान्तक 
यम 
सौरि 
शनैश्चर 
मंद
पिप्पलाद।

इस विधि से करें मंत्र का जाप…
शनिवार की सुबह स्नान आदि करने के बाद एक साफ स्थान पर शनिदेव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

- शनिदेव के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। ये दीपक पूजा समाप्त होने तक जलते रहना चाहिए।

- शनिदेव को नीले फूल अर्पित करें और इसके बाद रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करें।

- कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें। इस प्रकार शनिदेव की पूजा करने से आपकी परेशानियां दूर हो सकती हैं।

इस दिन आप नासिक या उज्जैन में पूजापाठ करा सकते हैं। अगर संभव ना हो तो किसी शिव मंदिर में या नदी किनारे यह पूजा संपन्न कर सकते है।

अमावस्या के दिन मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
इस दिन तामसिक वस्तुओं के सेवन से बचें। इसके दुष्परिणाम हो सकते हैं।
इस दिन मनसा-वाचा-कर्मणा पवित्रता का पूरा ध्यान रखें।
शास्त्रों में चौदस, अमावस्या और प्रतिपदा को शारीरिक और मानसिक पवित्रता का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी गई है।
अमावस्या के दिन कोई गरीब आपके दरवाजे पर आएं तो उसको यथासंभव दान देना चाहिए।
श्मशान भूमि में जाने से इस दिन बचना चाहिए।
शारीरिक यौन संबंध बनाने से बिल्कुल परहेज करें
गरीब का अपमान ना करें। 
इस दिन आपको हर प्रकार से शुचिता का ध्यान रखना चाहिए।
इस दिन शनि मंदिर में तेल-तिल दान जरुर करना चाहिए। शनि मंदिर आप अपनी सुविधानुसार सुबह या शाम में जा सकते है। ऊं शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप विशेष रुप से लाभकारी होता है। इस दिन शनि मंदिर में तेल दान के अलावा आप वहां लगे पीपल के वृक्ष की परिक्रमा भी कर सकते है।
पांच बार की परिक्रमा के दौरान आप ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। शनि भगवान को दीप जलाने के बाद आप पीपल के पेड़ के नीचे भी जरूर दीए जलाए। शास्त्रों के मुताबिक ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।

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