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कलकत्‍ता हाई कोर्ट की डबल बेंच ने लगाई पश्चिम बंगाल में बीजेपी की रथयात्रा पर रोक



कलकत्ता हाई कोर्ट की डबल बेंच ने एकल बेंच के फैसले को पलटते हुए पश्चिम बंगाल में बीजेपी की प्रस्तावित रथयात्रा पर रोक लगा दी है. इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने बीजेपी को राज्य में यात्रा निकालने की अनुमति देने के हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ के पास याचिका दायर की जिसमें कोर्ट ने सुनवाई करते हुए रथयात्रा पर फिर से रोक लगा दी. इससे पहले कोर्ट की सिंगल बेंच बीजेपी की रथयात्रा पर रोक लगा चुकी है.

कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस तपब्रत चक्रबर्ती की बेंच ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार के फैसले को पलटते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रस्तावित रथ यात्रा को निकालने की मंजूरी दी थी. पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) अध्यक्ष अमित शाह की प्रस्तावित रथयात्रा को मंजूरी देने के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का ऐलान किया. कलकत्ता हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने सरकार के फैसले के साथ जाते हुए 6 दिसंबर को इस रथयात्रा पर रोक लगा दी थी, लेकिन बीजेपी की अपील पर हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने इस फैसले पर रोक लगा दिया था.

कलकत्ता हाई कोर्ट में जस्टिस विश्वनाथ सोमादर और जस्टिस ए मुखर्जी की पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि अनुमति को लेकर सरकार की चुप्पी 'आश्चर्यजनक और चौंकाने वाली है.' अदालत ने सिंगल बेंच के उस आदेश के खिलाफ बीजेपी की ओर से दायर अपील का निस्तारण कर दिया जिसमें पार्टी को उसकी रथयात्रा के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था.

फिर कोर्ट ने निर्देश दिया कि मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक 12 दिसंबर तक बीजेपी के तीन प्रतिनिधियों के साथ बैठक करें और 14 दिसंबर तक मामले में कोई निर्णय करें. बेंच ने कहा कि सिंगल बेंच द्वारा रैली पर रोक नहीं लगानी चाहिए थी.

7 दिसंबर को निकालनी थी रथयात्रा
पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार, पश्चिम बंगाल में बीजेपी का तीन रथ यात्राएं निकालने का कार्यक्रम था, जिसमें खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह शामिल होने वाले थे. हालांकि कोर्ट के फैसले के बाद अमित शाह को अपना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम रद्द करना पड़ा.

पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार एक रथयात्रा 7 दिसंबर से कूचबिहार से शुरू होने वाली थी, दूसरी रथयात्रा 9 दिसंबर को 24 परगना से और तीसरी 14 दिसंबर को बीरभूमि के तारापीठ से निकाली जानी थी.

बाद में कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को प्रस्तावित रथयात्रा के लिए बीजेपी के प्रदेश नेताओं के साथ उसकी बैठक की फुटेज सौंपने को कहा था. महीने के शुरुआती हफ्ते में प्रशासन ने यात्रा को अनुमति देने से मना कर दिया था. बीजेपी की ओर से कलकत्ता हाईकोर्ट को रथयात्रा की नई तारीखों (23, 26 और 27 दिसंबर) के बारे में जानकारी दे दी गई थी.

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