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आज ISRO लॉन्च करेगा GSAT-7A, वायुसेना के लिए होगा फायदेमंद



वायुसेना को मिलेगी ताकतइस सैटेलाइट की मदद से भारतीय वायुसेना को बड़ी ताकत मिलेगी. इस सैटेलाइट से ग्राउंड रडार स्टेशन, एयरबेस और AWACS एयरक्राफ्ट को इंटरलिंक करने में काफी मदद मिलेगी. इतना ही नहीं एयरफोर्स के ग्लोबल ऑपरेशन को भी बड़ा पुश मिलेगा. ना सिर्फ एयरबेस इंटरलिंक बल्कि ड्रोन ऑपरेशन, मानवरहित एरियल व्हीकल (UAV) की ताकत भी इसके जरिए बढ़ेगी. गौरतलब है कि इससे पहले भी इसरो नेवी के लिए रुकमणी लॉन्च कर चुका है. गौरतलब है कि दुनिया में अमेरिका, रूस और चीन जैसे देश ही अभी तक अपनी सेना के लिए सैटेलाइट लॉन्च कर चुके हैं.

आठ साल तक काम करेगा सैटेलाइटइसरो के अनुसार, लॉन्च होने के केवल 19 मिनट बाद ही, जीएसएलवी राकेट 2,250 किग्रा वाले जीसैट-7ए को भूस्थैतिक स्थानांतरित कक्षा (जीटीओ) में ले जाएगा. आपको बता दें कि Gsat-7A का निर्माण ISRO द्वारा किया गया है, ये सैटेलाइट आठ साल तक काम करेगा. जीसैट-7ए का निर्माण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने किया है और इसका जीवन 8 साल है. यह भारतीय क्षेत्र में केयू-बैंड के यूजर्स को संचार क्षमताएं मुहैया कराएगा.

इसरो की Gsat-7A सैटेलाइट का काउंटडाउन करीब 26 घंटे तक चलेगा. इस उपग्रह का वजन 2250 KG है, इसे रॉकेट लॉन्चर GSLV-F11 की सहायता से लॉन्च किया जाएगा. इसरो इस उपग्रह को श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट से बुधवार शाम 4 बजकर 10 मिनट पर लॉन्च करेगा.

अंतरिक्ष की दुनिया में भारत लगातार कामयाबी के झंडे गाढ़ रहा है. आज एक बार फिर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) नया इतिहास रचने जा रहा है. इसरो आज भारतीय वायुसेना के जीसट-7ए सैन्य संचार उपग्रह को लॉन्च करेगा. इसकी उल्टी गिनती मंगलवार को ही शुरू हो गई थी. इस सैटेलाइट को भारतीय वायुसेना के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है.

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