Rafael deal : राहुल के खिलाफ भड़का आक्रोश, दिल्ली में प्रदर्शन, महाराष्ट्र में मानहानि का केस
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से राफेल डील पर मिली राहत के बाद केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर चौतरफा हमला बोल दिया है। एक तरह जहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राफेल सौदे पर कांग्रेस के आरोपों को झूठ बताया, वहीं शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में जबरदस्त प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं, कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के राफेल सौदे को लेकर गलतबयानी पर माफी की भी मांग की।
गौरतलब है कि राफेल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने बृहस्पतिवार को कहा कि वायुसेना को राफेल लड़ाकू विमानों की जरूरत है। तीन सदस्यीय पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि लड़ाकू विमानों की खरीद की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि कीमतों के तुलनात्मक विवरण पर फैसला लेना अदालत का काम नहीं है।
कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि राफेल विमान खरीददारी प्रक्रिया में किसी प्रकार का संदेश नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने राफेल से जुड़ी सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है।नई दिल्ली। राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के विवादित बयान को लेकर अब विरोध तेज़ हो गया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की तीखी आलोचना से शुरू हुआ विरोध शनिवार को बढ़ गया। केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने दिल्ली में सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और राहुल गांधी से इस मामले में माफी मांगने को कहा है। वहीं, महाराष्ट्र में राहुल गांधी के खिलाफ आरएसएस द्वारा मानहानि का केस दर्ज कराया गया है।
गौरतलब है कि सुपीम कोर्ट ने शुक्रवार को राफेल सौदे को लेकर अहम फैसला सुनाया था। राफेल विमान सौदे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए मोदी सरकार को राहत दी। सर्वोच्च न्यायालय ने मामले में दायर सभी याचिकाएं खारिज करते हुए अपने फैसले में कहा है कि विमान सौदे की प्रक्रिया में कोई खास कमी नहीं रही है।
कोर्ट ने कहा कि विमानों की क्षमता में भी कोई कमी नहीं है। केंद्र को देशहित में फैसला लेने का हक होता है और इसमें दखल देना ठीक नहीं है। बता दें कि फ्रांस से अरबों रुपये में 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए हुए सौदे की जांच की मांग को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई थीं।
अनिल अंबानी ने एक बयान में कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं, जिसने राफेल सौदे को लेकर दायर सभी जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इससे यह साबित हो गया है कि सभी आरोप निराधार थे और रिलायंस समूह और मुझ पर राजनीतिक दृष्टि से प्रेरित होकर लगाए गए थे।
आखिर क्या है समझौता
सूत्रों के अनुसार भारत और फ्रांस के बीच राफेल लड़ाकू विमान की खरीद संबंधी जो समझौता हुआ है उसके मुताबिक भारत फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदेगा। इसकी कुल कीमत 7.9 बिलियन यूरो अर्थात लगभग 59 हज़ार करोड़ रुपये होगी। भारत को इसके साथ स्पेयर पार्ट और मेटोर मिसाइल जैसे उन्नत हथियार भी प्राप्त होंगे। राफेल विमानों का निर्माण फ्रांस की डेसॉल्ट एविएशन कंपनी ने किया है।
कब हुआ था समझौता 1- वाजपेयी सरकार में बने लड़ाकू विमान खरीद के प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए यूपीए सरकार ने अगस्त 2007 में 126 विमानों की खरीद को मंजूरी दी। उसके बाद लड़ाकू विमानों के चयन की प्रक्रिया शुरू हुई। इस हेतु परिक्षण में अमेरिका के बोर्इंग एफ/ए−18ई/एफ सुपर हार्नेट तथा लॉकहीड मार्टिन एफ−16 फाल्कन, रूस का मिखोयान मिग−35, स्वीडन का साब जैस−39 ग्रिपेन और फ्रांस का डेसॉल्ट राफेल विमान शामिल हुए थे