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राफेल डील पर मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की क्‍लीन चिट, अमित शाह बोले 'सत्‍यमेव जयते'



नई दिल्ली: राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वित्त मंंत्री अरुण जेटली ने कहा कि झूठ की उम्र बहुत कम होती है. सच और झूठ में बुनियादी फर्क होता है. अरुण जेटली ने कहा कि राफेल सौदे ने भारत के सुरक्षा और वाणिज्यिक दोनों हितों की रक्षा की. 

वहीं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि यह फैसला केंद्र सरकार की जीत है. रक्षा मंत्री राफेल के मुद्दे पर हर बात का जवाब दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रफाल डील में हर चीज का ध्यान रखा गया. 

इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि राफेल सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान का पर्दाफाश हो गया है.


बीजेपी अध्यक्ष ने ट्विटर पर लिखा, ‘सत्यमेव जयते. राफेल सौदे पर अदालत के फैसले से कांग्रेस अध्यक्ष के सियासी फायदे के लिए किये गये दुष्प्रचार अभियान की पोल खुल गई.’ उन्होंने ट्वीट किया कि अदालत को इस प्रक्रिया में कुछ भी गलत नहीं लगा और ना ही उन्हें इस सौदे में किसी तरह का आर्थिक पक्षपात नजर आया.

सुप्रीम कोर्ट का राफेल पर अहम फैसला
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीदी के मामले में मोदी सरकार को शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी. साथ ही शीर्ष अदालत ने सौदे में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज किया.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि अरबों डॉलर कीमत के राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है.  ऑफसेट साझेदार के मामले पर तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि किसी भी निजी फर्म को व्यावसायिक लाभ पहुंचाने का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है.

अदालत की निगरानी में राफेल सौदे की जांच कराने की मांग करने वाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर 14 नवंबर को सुनवाई पूरी की थी.

राफेल लड़ाकू विमान के सौदे में अनियमित्ताओं का आरोप लगाते हुये इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का सीबीआई को निर्देश देने और न्यायालय की निगरानी में इसकी जांच के अनुरोध के साथ ये याचिकायें दायर की गयी थीं.

याचिका दायर करने वालों में बीजेपी के दो नेता और पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता प्रशांत भूषण, अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा और विनीत ढांडा तथा आप पार्टी के नेता संजय सिंह शामिल थे.

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