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क्या नए दौर में सुधरेंगे भारत-पाकिस्तान के रिश्ते ?


श्री अखिलेश शर्मा

पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने दावा किया कि 18 अगस्त को लिखे इस बधाई पत्र में पीएम मोदी ने पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करने का जिक्र किया.
इमरान खान के पाकिस्तान की कमान संभालने के बाद भारत पाकिस्तान रिश्तों को लेकर पहल ही ग़लत अंदाज़ में शुरू हुई दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरान खान को प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देने का एक पत्र लिखा, लेकिन इसे लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया, कुरैशी ने दावा किया कि 18 अगस्त को लिखे इस बधाई पत्र में पीएम मोदी ने पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करने का जिक्र किया.

लेकिन भारतीय सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी के पत्र में बातचीत शुरू करने का जिक्र नहीं है. सूत्रों के अनुसार यह चिट्ठी 18 अगस्त को लिखी गई, इसमें इमरान खान को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी गई है, सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी ने कहा कि सहज सत्ता हस्तांतरण से पाकिस्तान मजबूत होगा, उन्होंने लिखा कि पाकिस्तान के लोकतंत्र में लोगों का भरोसा बढ़ेगा, पत्र में दोनों नेताओं के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत का जिक्र किया गया. पीएम ने लिखा कि भारतीय उपमहाद्वीप आतंक और हिंसा से मुक्त हो ताकि विकास पर ध्यान दिया जा सके, उन्होंने लिखा कि भारत अपने पड़ोसियों से अच्छे संबंध रखना चाहता है और लोगों की भलाई के लिए रचनात्मक और सार्थक नजरिया होना चाहिए.

जाहिर है पत्र में बातचीत शुरू करने का जिक्र नहीं है. विवाद होने पर पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की ओर से सफाई आई और मीडिया को जिम्मेदार बता दिया गया, सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कभी नहीं कहा कि भारतीय पीएम ने बातचीत की पेशकश की है, उन्होंने यही कहा कि रचनात्मक नज़रिए से आगे बढ़ा जाए, पाकिस्तान भी यही बात कह रहा है, पाकिस्तान की नजर भारत के साथ लगातार संवाद पर है, सभी मुद्दों के हल के लिए लगातार संवाद होना चाहिए, माहौल बिगाड़ने की कोशिश ज़िम्मेदार पत्रकारिता नहीं है.

इसी बीच विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने पाकिस्तान के साथ बातचीत को लेकर भारत का रुख स्पष्ट कर दिया है उन्होंने कहा कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते. भारत यह देखना चाहेगा कि नई सरकार आगे किस तरह इस दिशा में काम करती है.

उधर एक और विवाद पंजाब की कांग्रेस सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तानी सेना के प्रमुख से गले मिलने का भी है, सिद्धू के इस रवैये पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह नाराजगी जता चुके हैं, उन्होंने कहा था कि भारतीय सैनिकों की हत्या के लिए जिम्मेदार सेना प्रमुख से मिलना ठीक नहीं है, उन्होंने कहा कि हर रोज़ हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, ऐसे में सेना प्रमुख से गले मिलना मैं ठीक नहीं मानता, कुछ महीनों पहले मेरी अपनी रेजीमेंट ने एक मेजर और दो जवानों को खो दिया, हर रोज़ किसी न किसी को गोली मारी जा रही है, जो भी गोली चलाता है या गोली चलाने का आदेश देता है, इसके लिए पाकिस्तान के सेना प्रमुख जिम्मेदार हैं.

लेकिन सिद्धू को शायद अमरिंदर का यह तीखा अंदाज़ पसंद नहीं आया, उन्होंने कहा कि जब उन्हें जवाब देना होगा सबको जवाब देंगे और टिका के देंगे, और पंजाब के अपने दो दिग्गज नेताओं की कहा.सुनी पर कांग्रेस फिलहाल बीच.बचाव करते हुए नजर आ रही है, कांग्रेस बीजेपी पर निशाना भी साध रही है, साफ है कि जब पाकिस्तान का जिक्र होता है तो सबसे बड़ी बात भरोसे की होती है, लेकिन फिलहाल इस भरोसे की कमी साफ दिखाई दे रही है.

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