मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद पेंशनरों ने दी दुआ, पेंशनरों के लिए 27 माह का ऐरियर बहुत होता है मुख्यमंत्री जी !
डॉ. चंदर सोनाने
आखिरकार मुख्यमंत्री पसीजे। पेंशनरों की दो साल से चली आ रही मांग को उन्होंने माना । मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर पेंशनरों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान उन्होंने शासकीय कर्मचारियों के समान ही 1 जनवरी 2016 के पहले सेवानिवृत हुए पेंशनरों को भी केंद्र के समान सातवां वेतनमान दिये जाने की घोषणा कर दी। अब उन्हें भी 1 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत हुए पेंशनरों के समान सातवां वेतनमान मिलेगा। अर्थात अब 1 जनवरी 2016 को मिल रही कुल पेंशन में 2.57 की वृ़द्धि देते हुए पेंशन का लाभ दिया जाएगा। इन पेंशनरों को अप्रैल 2018 से नगद भुगतान प्राप्त होगा । किंतु 1 जनवरी 2016 से मार्च 2018 तक के सातवें वेतनमान के ऐरियर के बारे में स्पष्ट कुछ नहीं कहा। इससे पेंशनरों में संशय व्याप्त है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस वर्ष के अंत में होने जा रहे विधान सभा चुनाव के पहले प्रदेश के करीब 4 लाख पेंशनरों की भी नाराजगी लगभग खत्म कर दी है। मुख्यमंत्री ने उन्हें सातवें वेतनमान का तोहफा देते हुए पेंशनरों को सरकारी अस्पताल के अतिरिक्त निजी अस्पतालों में भी ईलाज की सुविधा दिये जाने के लिए तथा पेंशनरों की अन्य समस्याओं के निराकरण के लिये पेंशनर्स बोर्ड भी गठित करने की घोषणा की।
विधानसभा के बजट सत्र में राज्य सरकार ने 1 जनवरी 2016 के पहले रिटायर हुए पेंशनरों को 2.42 के फार्मूले के हिसाब से पेंशन में बढौ़तरी की घोषणा की थी। इससे उन्हें 10 प्रतिशत लाभ ही मिल रहा था । राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और 1 जनवरी 2016 के बाद रिटायर हुए 48 हजार पेंशनरों को सातवें वेतनमान का लाभ 2.57 के फार्मले के अनुसार दिया था। इससे उन्हें 14 प्रतिशत तक फायदा हो रहा था। सरकार के इस दौहरे मापदंड से पेंशनरों में अत्यंत असंतोष व्याप्त था। इसका खामियाजा मुख्यमंत्री को आगामी विधानसभा चुनाव में होने की आंशका थी।
अब मुख्यमंत्री ने सभी पेंशनरों और परिवार पेंशनरों को एक समान एक तिथि से सातवां वेतनमान देने की घोषणा कर दी है। किंतु 1 जनवरी 2016 के पहले सेवानिवृत हुए पेंशनरों के ऐरियर के बारे में मुख्यमंत्री ने अभी तक स्पष्ट कुछ भी नहीं किया है। जबकि 1 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत हुए पेंशनरों को किश्तों में ऐरियर देने की व्यवस्था राज्य सरकार ने कर दी है। ऐसी स्थिति में 1 जनवरी 2016 से मार्च 2018 तक 27 महीने के ऐरियर के भुगतान के बारे में पेंशनरों में असमंजस्य है। इस कारण उनमें असंतोष भी है। उन्हें डर है कि जिस प्रकार छटे वेतनमान के ऐरियर का भुगतान राज्य सरकार ने नहीं किया था, उसी प्रकार पेंशनरों को सातवें वेतनमान के ऐरियर को खो देने का भय सता रहा है।
एक मोटे अनुमान के अनुसार प्रत्येक पेंशनरों को न्यूनतम करीब एक हजार से अधिकतम 12 हजार रूपये तक फायदा होने की संभावना है। इस प्रकार चतुर्थ श्रेणी एवं तृतीय श्रेणी तथा द्वितीय श्रेणी के कर्मचारियों और अधिकारियां की पेंशन का अनुमान लगाया जाए तो एक हजार रूपये प्रतिमाह से 27 माह तक का ऐरियर 27 हजार बनता है। दो हजार रूपये प्रतिमाह का फायदा लेने वाले पेंशनरों को 54 हजार रूपये का ऐरियर बनता है। तीन हजार रूपये प्रतिमाह जिन्हें लाभ होने की संभावना है, उन्हें 27 माह का ऐरियर 81 हजार रूपये बनता है। उसी प्रकार से चार हजार रूपये प्रतिमाह का लाभ लेने वाले पेंशनरों को एक लाख आठ हजार तथा पांच हजार प्रतिमाह लाभ लेने वाले पेंशनरों को ऐरियर एक लाख 35 हजार रूपये बनता है। इससे अधिक राशि का लाभ लेने वाले पेंशनरों की बात नहीं करें तो उक्त मोटे अनुमान के अनुसार छोटे पेंशनरों को 27 माह की मिलने वाली ऐरियर की राशि कम नही होती है। इन राशियों का महत्व और उपयोगिता एक पेंशनर ही बता सकता है। इस राशि से वह अपने छोटे- छोटे सपने पूरे कर सकता है। इसलिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को चाहिए की पेंशनरों से उनके सपने नही छिने। उन्हें भी उनका अधिकार दें। सातवां वेतनमान प्राप्त होने से पेंशनर खुश हैं और वे इसके लिए मुख्यमंत्री को दुआ भी दे रहे हैं। अब ये मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है कि वे पेंशनरां से पूरी दुआ लेना चाहते है या अधूरी ! इसका फैसला मुख्यमंत्री को स्वयं और शीघ्र करना होगा।
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