प्रदेश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों का सिलेबस एक समान होगा
संदीप कुलश्रेष्ठ
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयां के अंतर्गत आने वाले इंजीनियरिंग कॉलेजों का वर्तमान में अपने-अपने हिसाब से सिलेबस है। राज्य सरकार ने इस बारे में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस निर्णय से अब प्रदेश के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजां का सिलेबस एक समान होगा । राज्य सरकार का यह निर्णय सराहनीय है।
शुरूआत सरकारी कॉलेजों से होगी-
सबसे पहले सरकारी ऑटोनोमस कॉलेज अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिसद (एआईसीटीई) द्वारा जारी मॉडल कॅरिकूलम के हिसाब से सिलेबस तैयार करेंगे। उसके आधार पर राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अन्य प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिये सिलेबस तैयार करेगा, ताकि सभी छात्र एक जैसा ही सिलेबस पढ सके।
प्रत्येक सेमेस्टर में होगी इंटर्नशिप-
अभी प्रदेश के इजीनियरिंग कॉलेजों में इंटर्नशिप का कोई भी विधिवत प्रावधान नहीं है। सभी इंजीनियरिंग कॉलेज अपने- अपने हिसाब से इंटर्नशिप कराते हैं। अब नये सिलेबस के अनुसार प्रत्येक इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रत्येक सेमेस्टर में इंटर्नशिप का प्रावधान किया जाएगा। इससे बच्चों व्यवहारिक ज्ञान आ सकेगा।
इंजीनियरिंग कॉलेजों की गुणवत्ता में होगा सुधार-
राज्य सरकार के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों का सिलेबस एक समान करने से कॉलेजां की गुणवत्ता में सुधार हो सकेगा। सभी सरकारी और निजी कॉलेजों में एक समान पाठ्यक्रम होने से छात्रों को भी सुविधा हो सकेगी। प्रत्येक सेमेस्टर में इंटर्नशिप करने से छात्रों में मात्र किताबी ज्ञान नहीं रहेगा। पिछले समय किये गए एक सर्वे में यह बात सामने आई थी कि प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों ने गुणवत्ता का अभाव रहता है। इस कारण उन्हें नौकरी भी नही मिल पाती है और वे बैरोजगार भटकते रहते हैं। प्रत्येक सेमेस्टर में इंटर्नशिप करने से उनमें प्रैक्टिकल नॉलेज आ सकेगा। इससे उन्हें अपना अध्ययन पूर्ण करने के बाद नौकरी ढुढ़ने में भी मदद मिल सकेगी। सामान्यतः यह देखा गया है कि जिन संस्थानों में छात्र इंटर्नशिप करते हैं, वे संस्थान अच्छे छात्रों को तुरंत नौकरी का ऑफर भी दे देते हैं। इससे निश्चित रूप से छात्रों को फायदा होगा।
राज्य सरकार सामान्यत : शिक्षा के क्षैत्र में प्रयोग करती रहती है। अधिकतर प्रयोग असफल ही सिद्ध होता है। किंतु राज्य सरकार द्वारा सभी इंजीनियनिंग कॉलेजों में एक समान पाठ्यक्रम करने और हर सेमेस्टर में इंटर्नशिप का प्रावधान करने से निश्चित रूप से इंजीनियरिंग कॉलेजों की गुणवत्ता में कारगर सुधार हो सकेगा।
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