महिलाओं में आर्थिक आत्म निर्भरता का सबब बनी रोजगार योजनाएं
स्व-रोजगार योजनाओं के माध्यम से प्रदेश में महिलाओं ने आर्थिक आत्म निर्भरता के अनेक सोपान तय किये हैं। आज हर वर्ग की शहरी और ग्रामीण महिलाओं के लिये रोजगार योजनायें आर्थिक रूप से आत्म निर्भरता का सबब बन गई हैं।
रूचि चौहान ने वाशिंग क्लीनर से बनाई पहचान: रतलाम शहर की आनंद कॉलोनी निवासी श्रीमती रूचि चौहान ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के माध्यम से 5 लाख रूपये का ऋण लेकर घर में ही वाशिंग क्लीनर बनाने का काम प्रारंभ किया। इस काम में उनके पति ललित चौहान भी हाथ बँटाते है क्योंकि श्री चौहान पूर्व में मुंबई में क्लीनर फेक्ट्री में सर्विस कर चुके हैं। उनके अनुभव और पत्नि की मेहनत से वाशिंग क्लीनर प्रोडेक्शन का काम तेजी से बढ़ रहा है। इस काम में शुरू में इन्हें पूंजी की व्यवस्था करने में कुछ परेशानी हुई लेकिन मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना के माध्यम से पूंजी की व्यवस्था आसानी से हो गई। इनके द्वारा तैयार किया गया वाशिंग क्लीनर रतलाम शहर के अलावा आसपास के शहरों में मॉल और बड़े स्टोर्स में अपनी अच्छी डिमांड बना चुका है। चौहान दम्पत्ति अब 40-50 हजार रूपये नेट प्रॉफिट कमा रहे हैं। साथ ही 5-5 हजार रूपये भुगतान पर चार युवकों को रोजगार भी दे रहे हैं।
सुमन बनी बेरोजगारों का सहारा: सिवनी जिले की सुकतरा निवासी सुमन कुशवाहा केटरिंग व्यवसाय से जुड़कर महिला युवा उद्यमी के रूप में उभरी है। कृषक पुत्री सुमन ने बी.ए. तक पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने भाई के साथ मिलकर केटरिंग का व्यवसाय करने की सोची। कृषक पिता की आमदनी से केटरिंग व्यवसाय के साजो-सामान जुटाने में परेशानी हो रही थी। जब इन्हें प्रदेश शासन द्वारा युवाओं को स्व-रोजगार से जोड़ने के लिये चलाई जा रही योजना की जानकारी मिली, तो इन्होंने पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक विभाग के जिला कार्यालय में संपर्क किया। मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना के अंतर्गत इन्हें 3 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत हुआ, जिस पर 90 हजार रुपये सब्सिडी भी मिली। इस ऋण राशि से सुमन ने श्री राम केटरिंग का काम शुरू किया।
सुमन ने इस वर्ष लगभग 30-40 शादियों और पारिवारिक कार्यक्रम में सफलता पूर्वक कार्य किया है। इससे सुमन को डेढ़ लाख रूपये से भी अधिक की अतिरिक्त आय प्राप्त हुई है। बैंक की नियमित किश्त जमा करने के बाद भी सुमन को अच्छी बचत हो रही है। वह अपने केटरिंग काम में 3 लोगों को पूर्णकालीन तथा 10 से 15 लोगों को अंशकालीन रोजगार दे रही है। सुमन अपने केटरिंग बिजनेस के संचालन से संतुष्ट है।
अनिल वशिष्ट