कुपोषण से बच्चों को मुक्त करने हेतु पोषण पुनर्वास केन्द्र चरक भवन मे प्रदान की जा रही है बेहतर स्वास्थ्य सेवायें
उज्जैन- मुख्य विकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अशोक कुमार पटेल द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि, उज्जैन शहर के मानाखेड़ा क्षेत्र निवासी श्री धरम और उनकी पत्नि श्रीमती सिलेन महाकाल मंदिर क्षेत्र में रूद्राक्ष बेच परिवार का पालन पोषण करते है। अक्सर वह कार्य में इनते व्यस्त रहते है कि उनका बेटा गौरव उम्र 01 वर्ष के पोषण पर ध्यान नहीं दे पाते है। गौरव जब भी बीमार होता है वह उसे किसी बाबा के पास ले जाकर झड़या लेते और बाबा द्वारा दी गई पुड़िया खिला देते। जब गौरव ज्यादा बीमार रहने लगा तो वह उसे लेकर जिला चिकित्सालय (मातृ एवं शिशु चिकित्सालय, चरक भवन उज्जैन) लेकर आयें, जहां पर शिशुरोग ओ.पी.डी. में ड्यूटीरत चिकित्सक द्वारा जांच कर बताया कि गौरव को अस्पताल में भर्ती कर उपचार की आवश्यकता है। यह बेहद कमजोर भी है। उसका वजन मात्र 6 किलो 100 ग्राम है, जो कुपोषण के लक्षण है। गौरव को पोषण पुनर्वास केन्द्र चरक भवन में लगातार दो सप्ताह भर्ती रखकर पूर्ण उपचार प्रदान किया जाता है तो गौरव को कुपोषण से मुक्त किया जा सकता है। चिकित्सक की बातों से प्रेरित होकर गौरव के माता-पिता उसे भर्ती करवाने हेतु राजी हो गये। चिकित्सक द्वारा गौरव को चरक भवन में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती किया गया जहां पर गौरव की आवश्यक जांच करवाई एवं उपचार प्रारंभ किया। पोषण पुनर्वास केन्द्र में गौरव को दो सप्ताह भर्ती रखा गया एवं आवश्यक उपचार कर कुपोषण का पूर्ण प्रबंधन किया गया तथा पोष्टिक आहार प्रदान किया गया। चिकित्सक डॉ.मंजुषा पिप्पल व पोषण प्रशिक्षक श्रीमती सोनल ठाकुर सहित पोषण पुनर्वास केन्द्र में कार्यरत समस्त स्टाफ द्वारा पुर्ण निगरानी की एवं उचित देखभाल की। जिसके फलस्वरूप गौरव कुपोषण से मुक्त हो सका। निरन्तर उचित उपचार, कुपोषण के पूर्ण प्रबंधन एवं पोष्टिक पोषण आहार मिलने से गौरव का वजन बढ़कर 7 किलो 280 ग्राम हो गया। स्वस्थ्य होने पर गौरव को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया है। पोषण पुनर्वास केन्द्र से डिस्वार्ज होने के बाद गौरव की माता को गौरव को निरन्तर पोषण आहार बनाकर खिलाने का प्रशिक्षण दिया गया। डिस्चार्ज के बाद घर पर पोषण आहार प्रदान किया जा रहा है घर पर ही पोषण आहार मिलने से उसकी सेहत में और सुधार आयेगा एवं निरन्तर उसका वजन बढ़ेगा। गौरव के माता-पिता भी अब खुश है कि उनका पुत्र कुपोषण जैसी गंभीर बीमारी से मुक्त हो सका। पोषण पुनर्वास केन्द्र, चरक भवन में भर्ती के दौरान गौरव को पूर्ण उपचार एवं स्वास्थ्य सेवायें निःशुल्क उपलब्ध कराई गई साथ ही डिस्चार्ज के समय गौरव के माता-पिता को प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की गई।