मध्यप्रदेश में एक साथ चुनाव करवाने की सराहनीय पहल
संदीप कुलश्रेष्ठ
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में कहा है कि प्रयोग के तौर पर प्रदेश में पंचायतों, नगरीय निकायों, सहकारी संस्थाओं, जल उपभोक्ता संस्थाओं और अन्य संस्थाओं के चुनाव एक साथ करवाने पर विचार किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव भी एक साथ होने चाहिए। इससे सत्ताधारी पार्टियों को विकास योजना बनाने और उन्हें अच्छी तरह से लागू करने का पर्याप्त समय मिल सकेगा।
एक साथ चुनाव करने की शुरूआत मध्यप्रदेश से -
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राज्य की संस्थाओं के एक साथ चुनाव कराने का विचार सराहनीय है। यह तो कम से कम हो सकता है। राज्य की विभिन्न संस्थाओं के चुनाव करवाना राज्य सरकार के क्षेत्र और अधिकार की बात है। इसकी पहल मध्यप्रदेश में शुरू हो चुकी है। यह सराहनीय है। यदि मध्यप्रदेश पंचायत और नगरीय संस्थाओं के साथ ही अन्य नगरीय संस्थाओं के चुनाव भी एक साथ करवाता है , तो वह देश में एक साथ चुनाव की शुरूआत करने वाले राज्य के रूप में जाना जाएगा। मुख्यमंत्री के इस विचार का सभी राजनैतिक दलों द्वारा स्वागत किया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति ने की एक साथ चुनाव करवाने की वकालात -
देश के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने बजट सत्र की संयुक्त बैठक के अभिभाषण में अपने विचार रखते हुए यह वकालात की है कि राज्यों के चुनाव आम चुनाव के साथ होना चाहिए। और इस पर सभी राजनैतिक दलों को बहस करनी चाहिए। राष्ट्रपति के मुताबिक एक के बाद एक होने वाले चुनावों से मानव संसाधनों पर काफी जोर पढ़ता है । इससे देश के विकास पर भी असर पड़ता है।
प्रधानमंत्री ने एक देश एक चुनाव का दिया नारा -
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एक देश एक चुनाव का काफी पहले नारा दे दिया है। सबसे पहले उन्होंने ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करवाने की पैरवी की। उन्होंने विभिन्न राजनैतिक दलों से इस पर विचार विमर्श कर एक साथ चुनाव करवाने का आव्हान भी किया है।
उपराष्ट्रपति ने भी किया इसका समर्थन -
देश के उपराष्ट्रपति श्री वैंकेया नायडू ने भी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ करवाने के प्रस्ताव का समर्थन कर दिया है। उन्होंने भी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के सुर में सुर मिलाते हुए एक साथ चुनाव करवाने की पैरवी की है। उन्होंने देश मे एक साथ चुनाव करवाने के फायदे भी बताए हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ने भी की पैरवी -
लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने भी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ करवाने की पैरवी की है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक साथ चुनाव करने की पहल का समर्थन करते हुए सभी राजनैतिक दलों से इस पर आम राय बनाने का अनुरोध किया है ।
विभिन्न राजनैतिक दल करें इस पर विचार -
देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति , लोकसभा अध्यक्ष और प्रधानमंत्री द्वारा देश में लोक सभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करवाने का समर्थन कर दिया गया है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने भी एक साथ चुनाव करवाने का समर्थन कर दिया है। अब विभिन्न राजनैतिक दलों को इस पर गंभीरतापूर्वक सोचने विचारने की जरूरत है। उन्हें एक साथ चुनाव करने के हर पहलू पर चिंतन और मनन करने की आवश्यकता है।
यह सही है कि अलग अलग चुनाव होने से न केवल अत्यधिक राशि का अपव्यय होता है , बल्कि समय भी जाया होता है । इसके साथ ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने के कारण राज्यों में आचार संहिता लग जाती है। इस कारण भी विकास कार्य अवरूद्ध हो जाते हैं। इसलिए एक साथ चुनाव करवाना हर दृष्टि से उपयोगी है। और यही वक्त की पुकार है।
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