दुष्कर्म से पीड़ित मृत बच्ची को लोगों ने दिलाया इंसाफ, आरोपियों को पीट पीट कर किया मौत के हवाले
डॉ. चंदर सोनाने
अरूणाचल प्रदेश के लोहित जिले के तेजू में उग्र भीड़ ने एक बच्ची से दुष्कर्म करने के बाद हत्या करने वाले दो संदिग्ध आरोपियों को गत सोमवार को पुलिस थाने से छुड़ाकर पीट पीट कर मार डाला। इस प्रकार आम लोगों की भीड़ ने दुष्कर्म से पीड़ित मृत बच्ची को अपनी तरह से सरेआम चौराहे पर इंसाफ दिलाया।
अरूणाचल प्रदेश के आरोपी जगदीश लौहार उम्र 25 वर्ष और संजय सोबोर उम्र 30 वर्ष चाय बागान में काम करते थे। इन दोनां ने गत 12 फरवरी को पाँच साल की बच्ची से दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी। 17 फरवरी को बच्ची का शव चाय बागान से मिला था। उसका सिर थड़ से अलग था। शरीर पर कपड़े भी नहीं थे । पुलिस ने सजगता दिखाकर सर्च ऑपरेशन चलाकर दोनां आरोपियों को असम से गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को पुलिस हिरासत में भेजने के आदेश दिए थे। आरोपियों को तेजू के पुलिस थाने में रखा गया था।
आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में लोग थाने के बाहर जमा हो गए थे। भीड़ ने थाने पर हमला कर वहाँ तैनात पुलिसकमियों को अपने काबू में लेकर लॉकअप से दोनों आरोपियों को छुड़ा लिया । गत सोमवार को करीब 11 बजे लगभग एक हजार लोगों की भीड़ थाने पर जमा हो गई । भीड़ दोनों आरोपियों को जबरजस्ती थाने से निकालकर सड़क पर घसीटते और पीटते हुए मुख्य चौक पर लेकर आई। उनके कपड़े फाड़कर उन्हें पत्थरों और डंडों से पिटा गया। भीड़ ने दोनो को पीट पीट कर मार ड़ाला। उन्होंने कुछ पुलिसवालों को भी पीट दिया। पुलिस ने सड़क पर अपने अंदाज में आम लोगों द्वारा की गई इंसाफ की इस घटना पर एफआईआर दर्ज की है।
अरूणाचल प्रदेश की तरह ही पूर्व में नागालैंड में भी एक घटना हुई थी। 5 मार्च 2015 को नागालैंड के दीमापुर में भीड़ ने दुष्कर्म के आरोपी को जेल से निकाल कर कपड़े उतार कर पीट पीट कर बाजार में टांग दिया था। बाद में उसकी मौत हो गई थी।
दिनों दिन बढ़ते जा रहे दुष्कर्मो के प्रकरणों को देखते हुए केंद्र शासन और राज्य सरकार को दुष्कर्मियों के विरूद्ध सख्त कारवाई करने की आज सख्त आवश्यकता है। यदि शासन प्रशासन आगे नहीं आता है तो मजबूर होकर आम लोगों को कानून हाथ में लेना पड़ता है। आम लोगों का इस तरह से गुस्सा होना और कानून अपने हाथ में लेना ये सिद्ध करता है कि वे केंद्र और राज्य शासन के इंसाफ से नाखुश है।
मध्यप्रदेश सरकार की इस मामले में सराहना करने की आवश्यकता है कि उन्होंने हाल ही में 14 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने और उसकी हत्या करने वाले आरोपियों को मौत की सजा का प्रावधान किया है। राज्य सरकार ने इस संबंध में कानून बनाकर केंद्र शासन को भेज भी दिया है। मध्यप्रदेश सरकार का यह निर्णय देश में अपनी तरह का पहला निर्णय है। केंद्र से इस कानून की मंजूरी मिलते ही राज्य सरकार इसे कानून बनाकर लागू कर देगा।
मध्यप्रदेश सरकार ने तो अपना काम कर दिया है । अब अन्य राज्य सरकारों को आगे आने की जरूरत है । इस दिशा में केंद्र सरकार ही इस तरह के जघन्य अपराध करने वाले दुष्कर्मियों के विरूद्ध फांसी की सजा का प्रावधान कर दे तो निश्चित रूप से ऐसे कार्य करने वाले व्यक्ति दस बार सोचेंगे। अब केंद्र सरकार को इस मामले में आगे आकर कड़ा कानून बनाने की जरूरत है।
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