पेंशनर्स को भी सातवें वेतनमान का मिलेगा फायदा, कर्मचारियों के समान ही पेंशनर्स को भी एरियर मिलना चाहिए
डॉ. चंदर सोनाने
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आखिरकार अपने आखिरी बजट में मध्यप्रदेश के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी सातवें वेतनमान का फायदा देने का फैसला ले लिया है। आगामी बजट में इसके लिए प्रावधान भी कर देने की खबर मिल रही है। किंतु जिस प्रकार प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से अभी तक का एरियर मिलना तय हुआ है, उसी प्रकार पेशनर्स को भी एरियर मिलेगा ही इस बारे में फिलहाल कुछ स्पष्ट नहीं है। इससे पेंशनर्स में संशय व्याप्त है। मुख्यमंत्री को चाहिए कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को एरियर का भी लाभ दें।
मध्यप्रदेश के 1 जनवरी 2016 के पहले सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों और कर्मचारियों को अभी तक सातवें वेतनमान नहीं मिलने के कारण से उनमें संशय व्याप्त था। वह संशय अब दूर हो गया है। प्रदेश के करीब चार लाख पेंशनर्स को भी राज्य सरकार ने अपने आखिरी बजट में सातवें वेतनमान का लाभ देने की घोषणा की है। इससे उनकी उम्मीद एक बार फिर बंध गई है। अब सेवानिवृत्त कर्मचारियों को लगभग दो हजार से 10 हजार रूपये प्रतिमाह का फायदा होगा।
मुख्यमंत्री ने पेंशनर्स की नाराजगी के चलते उन्हें सातवें वेतनमान का उपहार दे दिया है। क्योंकि अब चुनाव नजदीक है, वे चुनाव वर्ष में कोई भी रिस्क नहीं उठाना चाहते हैं। इससे सरकार पर लगभग 550 करोड़ रूपये का वित्तीय भार आने की संभावना है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को विलंब से सातवें वेतनमान देने के कारणों के बारे में यह बताया जा रहा है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सातवें वेतनमान देने के संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य से भी सहमति लेना जरूरी होता है इसलिए देर हुई है। जबकि करीब चार माह पूर्व ही छत्तीसगढ़ राज्य ने इस संबंध में अपनी सहमति दे दी थी। खैर आखिरकार प्रदेश के लाखों पेंशनरों को अब शीघ्र ही सातवें वेतनमान का लाभ मिलेगा।
प्रदेश के कार्यरत कर्मचारियों व अधिकारियों को सातवां वेतनमान देने के बाद 1 जनवरी 2016 से मिलने वाले एरियर को राज्य सरकार ने तीन किश्तो में हर वर्ष मई माह में किस्त देने का प्रावधान किया है। इस प्रकार का प्रावधान अभी पेंशनरों के लिए नहीं किया गया है। पेंशनर इस बात से डरे हुए है कि उन्हें छठवें वेतनमान के समान ही एरियर से वंचित नहीं कर दें। इसी सरकार ने छठवें वेतनमान का पेंशनरों को लाभ तो दिया था किंतु उन्हें पिछले तीस महिने का एरियर नहीं दिया था। इस कारण पेंशनरों में आज भी नाराजगी है। अब उन्हें यह भय सता रहा है कि फिर से सातवें वेतनमान में भी ऐसा ही नहीं हो। उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान इस बार पेंशनर्स को एरियर दे देंगे।
पेंशनरों को पेंशन का फामूर्ला वित्त विभाग बदलने जा रहा है , यह सूचना मिल रही है। इससे भी उनमें संशय व्याप्त है। वर्तमान में केंद्र सरकार ने पेंशनरों को भी कर्मचारियों के समान ही 2.57 के फामूर्ले के अनुसार सातवें वेतनमान का लाभ दिया है। किंतु मध्यप्रदेश में वित्त विभाग के आला अफसर 2.57 के बजाय इसे कम कर देने का विचार कर यह प्रस्ताव दे रहे है कि इससे करोड़ो रूपये राज्य सरकार के बच जाएंगें। इस प्रकार वे पेंशनरों का हक मारने का षड़यंत्र कर रहे हैं । इससे भी पेंशनरों मे ंनाराजगी और भय व्याप्त है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को चाहिए कि जिस प्रकार वे किसानों के लिए दोंनो हाथों से अपना खजाना खोल कर दे रहे हैं , उसी प्रकार पेंशनरों के लिए भी ऐसा ही कुछ करें कि उनमें नाराजगी ना रहे। इसके लिए उन्हें दो बातों पर ध्यान देने की जरूरत है। पहला तो यह कि एक जनवरी 2016 के पहले सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को भी एरियर की राशि का भुगतान करें । भले ही वह एकमुश्त न होते हुए किश्तो में हो पर उन्हें एरियर देना चाहिए। दूसरा यह कि केंद्र सरकार के समान ही पेंशनरों को भी 2.57 के फार्मूले के अनुसार सातवें वेतनमान का लाभ देवें । सामान्यतः यह देखा गया है कि जनहित के मामले में मुख्यमंत्री वित्त विभाग के अडं़गे को दरकिनार कर देते है। उसी प्रकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों के इन प्रकरणों में भी वे अपनी संवेदनशीलता का परिचय देंगें, ऐसी उम्मीद की जा रही है।
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