महाशिवरात्रि: शिवपूजा में वर्जित हैं ये वस्तुएं, इन्हें न चढ़ाना ही बेहतर
महाशिवरात्रि पर शिवजी को प्रसन्न करने के लिए भक्त अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। भोलेनाथ को प्रसन्न करना बहुत आसान है। वह भक्ति भावना से चढ़ाए गए एक लोटा जल से ही खुश हो जाते हैं।
मगर, कुछ चीजों को शिव की पूजा में निषेध किया गया है। यदि आप इन चीजों को चढ़ाते हैं, तो भोलेनाथ नाराज हो सकते हैं। जैसे नारियल को लक्ष्मी का रूप माना गया है, इसलिए भगवान शिव को छोड़कर सभी शुभ कार्यों में नारियल का प्रयोग होता है। जानें भोलेनाथ को कौन सी वस्तुएं नहीं चढ़ानी चाहिए।
शिव पुराण के अनुसार, एक बार ब्रह्मा और विष्णु के विवाद में झूठ बोलने के कारण केतकी के फूल को भगवान शिव ने शाप दिया था। इसलिए उनकी पूजा में केतकी का फूल नहीं चढ़ाया जाता।
शंख से विष्णु और लक्ष्मी पूजन किया जाता है। मगर, भोलेनाथ का जलाभिषेक और उनकी पूजा में शंख का उपयोग नहीं किया जाता है। शिवपुराण में बताया गया है कि भोलेनाथ ने शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया था। इसलिए शिवजी की पूजा में शंख का इस्तेमाल नहीं होता है।
भगवान शिव पर कच्चा दूध चढ़ाया जाता है। कच्चा दूध उपलब्ध नहीं हो, तो आप सादे जल या गंगाजल से जलाभिषेक कर सकते हैं। मगर, पैकेट वाले दूध का उपयोग नहीं करें क्योंकि इसे पहले उबाला जाता है।
शंभू की पूजा में भूलकर भी हल्दी न शामिल करें क्योंकि हल्दी को शिव का ही रूप माना जाता है।
विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए मांग में सिंदूर लगाती है। मगर, भोलेनाथ सृष्टि के संघारक माने जाते हैं, इसलिए उन पर कुमकुम नहीं चढ़ाया जाता है।
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने जलंधर राक्षस का वध किया था। उसकी पत्नी वृंदा तुलसी का पौधा बन गई थीं। इसलिए वृंदा ने भगवान शिव की पूजा में तुलसी के प्रयोग को मना किया था।