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महादान माना जाता है इन तीन तरह के दान को, जानें इनके बारे में



 शास्त्रों में दान का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि दान करने से मनुष्य को जाने-अनजाने में किए हुए पापों से मुक्ति भी मिल जाती है। वैसे तो व्यक्ति अपनी समर्थ के अनुसार जो भी चाहे दान दे सकता है। मगर, बृहस्पति स्मृति में तीन तरह के दानों को महादान की श्रेणी में रखा गया है।

इस संबंध में एक श्लोक भी लिखा गया है-

त्रीणयाहूरतिदानानि गावः पृथ्वी सरस्वती

तारयन्ति हि दातारं सर्वपापादसंशयम

गाय का दान: इस श्लोक के अनुसार गाय के दान को महादान की संज्ञा दी गई है। कहा जाता है कि गाय का दान करने वाला मनुष्य सीधे स्वर्ग को जाता है। गाय का दान करने से मनुष्य मनुष्य की अपार पुण्य की प्राप्ति होती है। गाय दान करने से जाने-अनजाने में हुए पापों से भी मुक्ति मिल जाती है।

विद्या का दान: अगर आपके पास धन की कमी है तो विद्या का दान भी कर सकते हैं। इसके लिए लोगों को निशुल्क विद्या अध्ययन करवाना और उन्हें सही रास्त में ले जाना भी एक तरह से विद्या का दान कहा जाता है। ऐसा करने वालों पर हमेशा भगवान की दया बनी रहती है।
भूदानः किसी भी जरूरतमंद या मंदिर आदि पवित्र काम के लिए भूमि का दान करने पर शुभ फल प्राप्त होता है। पहले बहुत से धनवान लोग अस्पताल बनवाने, स्कूल बनवाने, मदिर बनवाने और स्कूल बनवाने के लिए भूमि का दान करते थे। इसे भी शास्त्रों में महादान बताया गया है। इससे जिंदगी में कभी भी असफलता का सामना नहीं करना पड़ता।

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