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जय उज्जैन कार्यक्रम में उमड़ा जनसैलाब, दिए महत्वपूर्ण सुझाव


उज्जैन @ 69 वे गणतंत्र दिवस पर ‘‘जय उज्जैन’’ कार्यक्रम के माध्यम से हजारों शहरवासियों  ने उज्जैन को अपनेपन की नजर से देखा। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष महेश परमार द्वारा नागरिको को मतदान करने की शपथ दिलवाई गई। वहीं शहर के चार प्रमुख स्थलों को आमसहमति से चयनीत कर शहरवासियों ने उक्त स्थल का निरीक्षण कर वहां की हालत को देखने के बाद अपने सुझाव व शिकायतों को सामने भी रखा।

       ‘‘जय उज्जैन’’ के आयोजक मप्र कांग्रेस कमेटी के सचिव चेतन प्रेमनारायण यादव के नेतृत्व में गणतंत्र दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम का आगाज बड़े ही भव्य एवं अलग अंदाज में हुआ। राष्ट्र गीतों के साथ मधुर आॅर्केस्ट्रा के साथ हजारों शहरवासी टावर चौक पर उपस्थित हुए और आपस में फ्रेंडशिप बैंड बांधकर गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए सभी ने मंच से ही शहर विकास तथा मूलभूत अधिकारों से वंचित उन स्थानों के सुझाव उपस्थित नागरिकों से मांगे गए और वरिष्ठों द्वारा पर्ची डालकर चार स्थानों का चयन किया गया। जिसमें सर्वप्रथम जिला चिकित्सालय, महाकालेश्वर मंदिर, रुद्रसागर और शिप्रा नदी को शामिल कर वहां पर हो रही अनियमितताओं को करीब से जाना। ‘जय उज्जैन’ के नारों के साथ हजारों नागरिको ने शहर विकास यात्रा के अंतिम पड़ाव पर इस यात्रा को आगे भी निरंतर रखने की शपथ ली।

 

कहां क्या मिली अनियमिताएं...

जिला चिकित्सालय- जिला चिकित्सालय अलग-अलग वार्डों और आईसीयू सहित परसिर का निरीक्षण करने पर पाया गया कि यहां न्यूरो सर्जन, कार्डियोलाजिस्ट, यूरो सर्जन नही है।  जिससे गरीब जनता को खर्चिला इलाज करवाना पड़ता है। आॅपरेशन थिएटर जीवन संरक्षण करने मे विफल है। जॉँच खून, मूत्र व संक्रमण की होती है, लेकिन यहां लेब में संसाधनों की कमी है। प्रतिदिन मरीज आते है 150 से अधिक लेकिन जांच केवल 25-30 लोगों की ही हो पाती है। शासन की ओर से 200 प्रकार की दवाईयां निशुक्ल है, लेकिन यहां मात्र 40 प्रकार की दवाई है। आईसीयू सहित वार्ड के कई क्षेत्रों में गंदगी फैली हुई है।

 

महाकाल मंदिर- द्वितीय चरण मे नागरिको ने भूतभावन बाबा महाकाल भगवान के प्रांगण की ओर बढ़ाया यहां भी कई समस्याएं सामने आई। जैसे आपत स्थिति में यहां पर मेडिकल और डॉक्टर की व्यवस्था नही है। भस्माआरती के पास में भी गड़बढ़िया है। मंदिर परिसर में शौचालय और पानी की व्यवस्था नही है। बारिश और गरमी में श्रद्धालुओं के बैठने या रूकने की पर्याप्त व्यवस्था नही है। 

 

रूद्रसागर- तृतीय चरण मे रुद्रसागर की ओर पहुंचे शहरवासियों ने निरीक्षण के दौरान यहां पाया कि रुद्रसागर के पास खुला नाला गंदगी से भरा पड़ा मिला जो कि स्वच्छता अभियान की पोल खोलता नजर आता है। वहीं  रुद्रसागर मे जलकुम्भी और नालो के पानी से भरा मिला।

 

शिप्रा नदी- चतुर्थ चरण मे नागरिको ने मोक्ष दायनी मॉँ क्षिप्रा के दर्शन करते हुए पाया कि पुण्य सलीला मॉँ क्षिप्रा का जल काला व दुर्गधयुक्त है, जो कि श्रद्धालुओ की भावनाओ को आहत करता है। क्षिप्रा मे गंदे नालो का पानी मिलता हुआ पाया गया। 

 

       ‘जय उज्जैन’ कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ बटुक शंकर जोशी, राजेश पटेल, मनोहर बैरागी,  सत्यनारायण पंवार, महेश परमार, प्रताप मेहता, अशोक यादव, ब्रजमोहन गेहलोत, किशोर सिंह भदौरिया, हरनाम सिंह यादव, कन्हैयालाल गोमे, अशोक उदयवाल, श्रवण शर्मा, ओम भारद्वाज, आनंद बागोरिया, राकेश गिरजे, दिपक उपाध्याय, सुरेन्द्र मरमट, पुरुषोत्तम कहार, अरुण शर्मा, अरुण गोरीशंकर वर्मा, विवेक यादव, हेमन्त सिंह चौहान, दिनेश बोस, नुरी खान, जगदीश पटेल, मनीष शंकर जोशी, सावन यादव, मेहमुद मेव, गोपाल पोरवाल, अरुण रोचवानी, वदंना मिमरोट, माया राजेश त्रिवेदी आदि  प्रमुख रूप से मौजूद थे।

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