वीरता पुरस्कार में सम्मानजनक राशि देने की जरूरत
डॉ. चंदर सोनाने
हमारे देश के राष्ट्रीय पुरस्कारों में प्रमुख है युद्धकालीन वीरता पुरस्कार और शांतिकालीन वीरता पुरस्कार । हाल ही में केंद्र सरकार ने वीरता पुरस्कार की राशि दोगुनी कर दी है। किंतु आश्चर्य और दुखद यह है कि जो पूर्व में राशि थी वह परमवीर चक्र विजेता को मात्र 10 हजार रूपये थी, उसे बढ़ाकर अब 20 हजार रूपये किया गया है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार गत 1 अगस्त से सभी विजेताओं को बड़ी राशि मिलेगी , भले ही रैंक कुछ भी हो। यहाँ अपने जान पर खेलने वालों वीरों के लिए मात्र 20 हजार रूपये की राशि हास्यास्पद लगती है। प्रत्येक वीरता पुरस्कार के लिए पांच से दस लाख रूपये की सम्मानजनक राशि दिए जाने की आवश्यकता है।
अब यह हम देखते है कि राष्ट्रीय पुरस्कार कौन कौन से है। सबसे पहले भारत के राष्ट्रीय पुरस्कारों के अंतर्गत प्रमुख पाँच पुरस्कार है। पहला नेतृत्व पुरस्कार । इसके अंतर्गत गांधी शांति पुरस्कार दिया जाता है। दूसरा नागरिक पुरस्कार दिया जाता है। इसके अंतर्गत भारत रत्न , पद्मविभूषण, पद्मभूषण एवं पद्मश्री पुरस्कार है। विशेष पुरस्कार के अंतर्गत राष्ट्रीय खेल पुरस्कार , राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार और पुलिस पुरस्कार दिए जाते है। चौथा पुरस्कार है, देशभक्ति पुरस्कार। इस पुरस्कार में युद्धकालीन तीन वीरता पुरस्कार दिऐ जाते है। इसी प्रकार शांतिकाल पुरस्कार में भी तीन पुरस्कार दिए जाते है। पांचवा पुरस्कार है, साहित्य और फिल्म के क्षेत्र में पुरस्कार । इसमें भारतीय ज्ञानपीठ सम्मान, मूर्तिदेवी सम्मान , अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी सम्मान ( आईफा अवार्ड ) , दादा साहब फाल्के पुरस्कार, नव लेखन सम्मान, साहित्य अकादमी सम्मान और सरस्वती सम्मान है।
देशभक्ति पुरस्कार के अंतर्गत दो पुरस्कार दिए जाते है । पहला युद्धकालीन वीरता पुरस्कार । इसमें तीन पुरस्कार दिए जाते हैं । प्रथम है परमवीर चक्र पुरस्कार। आर्मी अफसरों को असाधारण वीरता के लिए दिए जाने वाला यह सबसे बड़ा सम्मान है। जो व्यक्ति वीरता की अनोखी मिसाल कायम करता है और दुश्मनों के सामने अपना जीवन तक गवांने को तैयार हो जाता है। ऐसे लोगो को यह सम्मान दिया जाता है। दूसरा पुरस्कार है महावीर चक्र पुरस्कार । यह वीरता के लिए आर्मी जवान और अधिकारियों को दिया जाता है। तीसरा पुरस्कार है वीर चक्र पुरस्कार । यह पुरस्कार लड़ाई के दौरान असाधारण वीरता के लिए दिया जाता है।
शांतिकाल वीरता पुरस्कार के अंतर्गत भी तीन प्रकार के पुरस्कार दिए जाते हैं। पहला है अशोक चक्र पुरस्कार । यह पुरस्कार असाधारण वीरता के लिए अफसरों एवं जवानों को दिया जाता है। युद्ध के दौरान अपनी वीरता दिखाकर देश के लिए जान तक देने के लिए तैयार होने वाले वीर को ही यह सम्मान दिया जाता है। दूसरा पुरस्कार कीर्ति चक्र है। यह पुरस्कार असाधारण वीरता के लिए जवानों और अफसरों को दिया जाता है । तीसरा पुरस्कार है शौर्य चक्र पुरस्कार। यह पुरस्कार वीरतापूर्ण कार्य के लिए जवानों और अफसरों को दिया जाता है। शांतिकाल और युद्धकाल के दौरान दिए जाने वाले वीरता पुरस्कार का निर्णय सैन्य मंत्रालय के द्वारा गठित एक समिति द्वारा किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि भारत के उक्त राष्ट्रीय पुरस्कार के अंतर्गत अलग अलग सम्मानों के लिए 5 लाख से 15 लाख रूपये तक की सम्मान राशि दी जाती है। किंतु देशभक्ति पुरस्कार के अंतर्गत ही अत्यंत कम मात्र 20 हजार रूपये की पुरस्कार राशि अपने जान की बाजी लगाने वाले जवानों और अफसरों को दी जाती है। इस पर पुनर्विचार करने की अत्यंत आवश्यकता है। देशभक्ति पुरस्कार में सबसे बड़ा पुरस्कार परमवीर चक्र पुरसकार है। इस पुरस्कार की राशि कम से कम 10 लाख रूपये करने की आवश्यकता है। इसी प्रकार महावीर चक्र के लिए आठ लाख और वीर चक्र के लिए पांच लाख की राशि दी जानी चाहिए। शांतिकाल पुरस्कार के अंतर्गत भी तीनों पुरस्कार अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र के लिए भी प्रत्येक के लिए कम से कम पाँच-पाँच लाख रूपये का पुरस्कार दिए जाने की आवश्यकता है। यहाँ खास बात यह है कि देशभक्ति पुरस्कारों में जिन वीर सैनिकों को पुरस्कार प्राप्त हुए है, उनमें से अनेक ऐसे वीर है जो अपने कार्य के दौरान शहीद भी हो गए। जिन्होंने अपनी जान गंवा दी ऐसे वीर जवानों और अफसरों के लिए पुरस्कार राशि सम्मानजनक दी जाने की जरूरत है।
भारत के राष्टीय पुरस्कारों में देशभक्ति पुरस्कारों का अपना विशिष्ट महत्व है। सन 1950 से जब से देश में संविधान लागू हुआ तब से भारत के राष्ट्रीय पुरस्कार देना शुरू किए गए हैं। यह पुरस्कार उन्हें दिए जाते है जो लोग वीरतापूर्ण काम करते है। वे किसी सम्मान या उपहार के लिए कार्य नहीं करते हैं। लेकिन उन्हें सम्मान देकर उनके प्रति देश अपनी कृतज्ञता दर्शाता है । साथ ही उनसे प्रेरित होकर देश के अन्य लोग प्रेरणा भी प्राप्त करते हैं। इसलिए ऐसे पुरस्कारों में जिसमें वीर जवान अपनी जान की बाजी लगा देते है ऐसे वीरतापूर्ण कार्यों के लिए दिए जाने वाले पुरस्कारों में पुरस्कार राशि भी सम्मानजनक होना चाहिए।
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