लीलाबाई के दिव्यांग पति को तुरन्त ट्रायसायकल
एवं दिव्यांग प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराये गये
कलेक्टर ने जनसुनवाई में की कार्यवाही
उज्जैन । वैसे तो प्रति मंगलवार बृहस्पति भवन में जनसुनवाई आयोजित की जाती
है। आने वाले प्रकरणों का निराकरण भी कलेक्टर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया जाता है।
पर कुछ प्रकरण ऐसे आते हैं, जिन्हें जानकर कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों का भी मन व्यथित हो
जाता है। आमजन को शासन द्वारा बुनियादी सुविधाओं का शत-प्रतिशत लाभ मिल सके, यही उद्देश्य
लोक सेवक का होता है। शासकीय प्रक्रिया में थोड़ा विलम्ब हो सकता है, पर राहत शत-प्रतिशत और
तुरन्त भी मिल सकती है यदि मानवीय संवेदनाओं को ध्यान रखते हुए अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन
किया जाये। कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने मंगलवार को जनसुनवाई में आई वृद्धा लीलाबाई से उनकी
समस्या जानकर कुछ ऐसा ही उदाहरण प्रस्तुत किया।
लीलाबाई ने जनसुनवाई में कलेक्टर के समक्ष जब अपनी समस्या बताई, तो कलेक्टर एवं
अन्य अधिकारी उनकी परेशानी देखकर कुछ क्षणों के लिये व्यथित हो गये। लीलाबाई ने कहा कि
उनके परिवार में वे उनके दिव्यांग पति, एक पुत्री और दो पुत्र निवास करते हैं। लीलाबाई मजदूरी कर
अपने पूरे परिवार का भरण-पोषण बड़ी कठिनाई से कर पा रही हैं। उनके पुत्रों द्वारा लीलाबाई और
उनके पति के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है तथा आर्थिक रूप से उन्हें कोई सुविधा मुहैया नहीं
कराई जा रही है। मजदूरी में इतनी कमाई प्राप्त नहीं हो पाती है कि वे भरण-पोषण कर सकें और
अपने दिव्यांग अस्वस्थ पति का इलाज करा सकें। पुत्रों द्वारा ठीक से देखभाल नहीं किये जाने पर
कलेक्टर ने उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने की जब बात कही तो लीलाबाई ने यह कहते हुए
इंकार कर दिया कि मां तो मां होती है, वह अपने बच्चे का कभी बुरा नहीं चाहती।वे मजदूरी कर
जीवन यापन करना पसन्द करेंगे, परन्तु पुत्रों को दण्ड दिये जाने के पक्ष में नहीं है। इस पर कलेक्टर
सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के अधिकारी को तुरन्त लीलाबाई के दिव्यांग पति
को प्रमाण-पत्र बनाये जाने और ट्रायसायकल व्हील चेयर उपलब्ध कराये जाने को कहा। तत्काल
कार्यवाही करते हुए उन्हें दोनों चीजें उपलब्ध कराई गई। इसके अतिरिक्त आवेदिका का बीपीएल राशन
कार्ड बनवाये जाने के भी निर्देश कलेक्टर द्वारा दिये गये। लीलाबाई के जाने के पश्चात जनसुनवाई में
और भी कई ऐसे प्रकरण आये। कलेक्टर ने जनसुनवाई में मौजूद अधिकारियों से कहा कि समय के
साथ मानवीय संवेदनाओं का क्षीण होना वाकई एक चिन्ता का विषय है। ऐसे फरियादी यदि
जनसुनवाई में आयें तो तत्काल उन्हें शासन की ओर से हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जाना
सुनिश्चित करें।
घट्टिया निवासी सुरेश पिता नानूराम ने आवेदन देकर शिकायत की कि विद्युत मण्डल के
लाइनमेन द्वारा गांव में उनकी कृषि भूमि में स्थाई विद्युत कनेक्शन हेतु आवश्यकता से अधिक राशि
ले ली गई है और अभी तक उन्हें कनेक्शन भी नहीं दिया गया है। इस पर कलेक्टर ने कार्यपालन
यंत्री मप्रपक्षे विद्युत वितरण कंपनी को शिकायत की जांच कर तुरन्त समस्या का निराकरण करने के
निर्देश दिये।
आनन्द नगर नानाखेड़ा निवासी अजय पिता नागूजी ने आवेदन देकर शिकायत की कि वे
एक स्थानीय चिल्ड वाटर प्लांट में काम करते थे और प्लांट के मालिक द्वारा विगत दो माह से उनके
मेहनताने की राशि उन्हें प्रदाय नहीं की गई है। पैसे मांगने पर प्लांट के मालिक द्वारा आवेदक के
साथ अभद्र व्यवहार किया जाकर उनके साथ मारपीट भी की गई। इसके अलावा आवेदक को जान से
मारने की धमकी भी सम्बन्धित प्लांट मालिक के द्वारा दी गई। इस पर पुलिस अधीक्षक उज्जैन को
आवश्यक कार्यवाही हेतु आवेदन अग्रेषित किया गया।
महिदपुर निवासी जगदीश पिता बापूलाल शर्मा ने आवेदन देकर शिकायत की कि महिदपुर
तहसील के ग्राम बरखेड़ा बुजुर्ग के वे सरपंच हैं और उनकी ग्राम पंचायत का सचिव विगत दो माह से
अनुपस्थित है। सचिव द्वारा उनकी जानकारी के बिना सीसी रोड की राशि और मनरेगा के कूप
निर्माण की राशि स्वयं के रिश्तेदारों के खाते में स्थानान्तरित कर राशि का दुरूपयोग किया गया है।
इस पर सीईओ जिला पंचायत को तुरन्त पूरे मामले की जांच कर उचित कार्यवाही करने के निर्देश
दिये गये।
ग्राम छीतरदेवी तहसील घट्टिया निवासी गणपत पिता भेरूलाल ने आवेदन दिया कि गांव में
वसीयत में प्राप्त मकान पर उनके छोटे भाई द्वारा जबरन कब्जा कर लिया गया है। उनके द्वारा जब
इस बात विरोध किया गया तो उनके भाई ने उन्हें घर से निकाल दिया और मकान में रखे हुए उनके
अन्य सामान को भी अपने कब्जे में कर लिया। इस पर एसपी उज्जैन को मामले की जांच हेतु
आवेदन अग्रेषित किया गया।
कहारवाड़ी उज्जैन निवासी राजेश पिता मदनलाल ने आवेदन देकर शिकायत की कि उन्होंने
अपनी दो पुत्रियों का विवाह शासकीय मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत किया था, परन्तु विवाह
सहायता राशि आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हो सकी है। इस पर आयुक्त नगर पालिक निगम को
नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
उज्जैन निवासी अब्दुल सत्तार पिता अब्दुल शकूर ने आवेदन दिया कि वे एक असहाय दिव्यांग
हैं तथा पोलियो से ग्रस्त हैं। पोलियो वाले पैर में ऑपरेशन के द्वारा रॉड डली हुई है। इसके बावजूद वे
पॉलीटेक्निक कॉलेज में कार्य करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। इतने पर भी पत्नी और
पुत्र-पुत्रियों द्वारा उन्हें आयेदिन शारीरिक एवं मानसिक प्रताड़ना दी जाती है। परिवार का पूरा खर्च
उठाने के बावजूद परिवारवाले उन्हें घर से बाहर निकालना चाह रहे हैं। इस पर पुलिस अधीक्षक उज्जैन
को तत्काल मामले की जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिये गये। इसी
प्रकार अन्य मामलों में जनसुनवाई की गई।