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प्रदेश के श्रेष्ठ 3 अधिकारियों को राजस्व विभाग में पदस्थ किया है मुख्य सचिव ने संभागीय समीक्षा बैठक ली


राजस्व अभियान के अच्छे परिणाम आये हैं
    उज्जैन । मुख्य सचिव श्री बी.पी.सिंह ने कहा है कि प्रदेश में राजस्व अभियान के अच्छे परिणाम आये हैं। 10 लाख से अधिक अविवादित नामांतरण प्रकरण पिछले तीन माह में निराकृत किये गये हैं, यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धी है। सभी राजस्व अधिकारी मेहनत से काम कर रहे हैं। प्रदेश स्तर पर राजस्व के कार्य पिछड़ रहे थे, इसलिये प्रदेश के तीन सर्वश्रेष्ठ अधिकारियों, जिनमें प्रमुख सचिव श्री हरिरंजन राव, श्री मनीष रस्तोगी एवं आयुक्त भू-अभिलेख श्री एम.सेलवेन्द्रम शामिल हैं, को राजस्व विभाग में पदस्थ किया है। उन्होंने कहा कि राजस्व की समीक्षा बैठकें आगे भी चलती रहेंगी। भविष्य में अनुविभागीय स्तर के अधिकारियों को ही बैठक में आमंत्रित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि हर मीटिंग में कुछ न कुछ नई जानकारी प्राप्त होती है। पिछली बार होशंगाबाद संभाग की बैठक में धारा 190 के तहत हुए नामांतरणों की जानकारी प्राप्त हुई। मुख्य सचिव ने तहसीलदारों को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे कोई भी नामांतरण नहीं किये जायें, जिससे राज्य सरकार को पंजीयन शुल्क की हानि होती हो। प्रकरण पकड़ में आने के बाद सम्बन्धित राजस्व अधिकारी से हानि की वसूली की जायेगी। मुख्य सचिव ने आज उज्जैन के सिंहस्थ मेला कार्यालय में संभागीय राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर राजस्व प्रकरणों की समीक्षा की। बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व श्री अरूण पाण्डेय, प्रमुख सचिव श्री हरिरंजन राव, श्री मनीष रस्तोगी, आयुक्त भू-अभिलेख श्री एम.सेलवेन्द्रम, संभागायुक्त श्री एमबी ओझा, संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, अपर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार मौजूद थे।
    बैठक में संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने उज्जैन संभाग के राजस्व प्रकरणों के निराकरण की जानकारी पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत की। संभागायुक्त ने बताया कि विगत दिनों संभाग में राजस्व प्रकरणों के निराकरण का अच्छा काम हुआ है एवं प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने बताया कि पांच साल से लम्बित एक भी प्रकरण संभाग में शेष नहीं है। एक अक्टूबर से लेकर अब तक संभाग में आरसीएमएस सॉफ्टवेयर में 58 हजार 571 प्रकरण दर्ज हुए हैं और इनमें से 50 हजार प्रकरण निराकृत हो चुके हैं। संभागायुक्त ने बताया कि उज्जैन संभाग में नीमच जिला राजस्व प्रकरणों के निराकरण में सबसे आगे है। संभागायुक्त ने बताया कि संभाग के जिलों की सभी तहसीलों में सीमांकन के लिये दो-दो टीसीएम मशीनों की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि संभाग के सभी जिलों में नामांतरण पंजियां भी जमा हो चुकी हैं। रिकार्ड रूम को ठीक करवाने एवं रिकार्ड के विनिष्टीकरण की प्रक्रिया भी प्रारम्भ की जायेगी।
रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम को अद्यतन करने की कार्यवाही निरन्तर जारी रहेगी
राजस्व अधिकारियों ने दिये उपयोगी सुझाव
    बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व श्री अरूण पाण्डेय ने आरसीएमएस साफ्टवेयर के बारे में कहा कि यह एक क्रान्तिकारी परिवर्तन है जो राजस्व न्यायालयों की कार्य प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन ला देगा। बैठक में आयुक्त भू-अभिलेख श्री एम सेलवेन्द्रम ने आरसीएमएस (रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम) साफ्टवेयर में किये जा रहे सुधारों के बारे में राजस्व अधिकारियों को जानकारी दी। श्री सेलवेन्द्रम ने बताया कि इस सिस्टम में डायवर्शन एवं सम्पदा एप जोड़ा जा रहा है। सम्पदा एप्लीकेशन के साथ में अविवादित नामांतरण को स्वत: दर्ज करने हेतु भी एप्लीकेशन जोड़ा जा रहा है। इससे रजिस्ट्री होने के साथ ही नामांतरण का प्रकरण दर्ज हो जायेगा और सम्बन्धित हितग्राही को एसएमएस से इसकी सूचना मिल जायेगी कि उसके प्रकरण की तारीख क्या लगी है। राजस्व न्यायालयों की निचली कोर्ट की मॉनीटरिंग ऑनलाइन होगी तथा ऑर्डर शीट टाईप कराकर इसकी प्रोसिडिंग को स्केन कर अपलोड किया जायेगा। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को शत-प्रतिशत फैसलों को आरसीएमएस में दर्ज करने के निर्देश दिये।
प्रमुख सचिव श्री हरिरंजन राव ने बैठक में बताया कि राज्य सरकार 26 जनवरी से भू-अधिकार पट्टा वितरित करने जा रही है। यह पट्टा ऋण लेने के लिये भी काम आ सकेगा। उन्होंने पूर्व में दिये गये पट्टे एवं नये दिये जाने वाले पट्टों को सूचीबद्ध करने के निर्देश दिये हैं। श्री राव ने प्रत्येक ग्राम की आबादी का नजरी नक्शा बनाने तथा भू-अधिकार पत्र की नम्बरिंग करने को कहा है।
पटवारियों की मेरिट लिस्ट फरवरी में जारी होगी
    आयुक्त भू-अभिलेख ने बैठक में बताया कि पटवारी भर्ती के लिये ली गई परीक्षा के आधार पर मेरिट लिस्ट फरवरी माह में घोषित की जायेगी तथा चयन काउंसिलिंग के आधार पर ऑनलाइन किया जायेगा। आगामी अप्रैल एवं मई माह में पटवारियों को प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम बनाया गया है। यह ट्रेनिंग छह माह की होगी। सभी कलेक्टर को निर्देश दिये गये हैं कि वे पटवारी प्रशिक्षण के लिये आवश्यक व्यवस्थाएं कर लें तथा प्रत्येक जिले में लगभग 150 पटवारियों को प्रशिक्षण देने के लिये एक निगरानी समिति का गठन किया जाये। निगरानी समिति का प्रभारी वरिष्ठ डिप्टी कलेक्टर को बनाये जाने के निर्देश दिये गये हैं। पटवारियों को प्रशिक्षण देने के लिये प्रशिक्षकों की पहचान कर उनको मानदेय पर नियुक्त करने के निर्देश भी दिये गये हैं।
राजस्व अधिकारियों ने उपयोगी सुझाव दिये
    बैठक में मुख्य सचिव की उपस्थिति में विभिन्न जिलों से आये हुए नायब तहसीलदार, तहसीलदार एवं डिप्टी कलेक्टर्स ने आरसीएमएस साफ्टवेयर को और उपयोगी बनाने के लिये सुझाव दिये। राजस्व अधिकारियों ने बताया कि साफ्टवेयर में डायवर्शन शुल्क के लिये डिमांड जनरेट करने, रजिस्ट्री होते ही स्वत: नामांतरण प्रक्रिया शुरू होने के पूर्व राजस्व अधिकारी से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेने, बीपीएल प्रकरणों की जांच करने से राजस्व अधिकारी को मुक्त करने, नायब तहसीलदार स्तर के नये भर्ती हुए राजस्व अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण देने, अर्थदण्ड एवं अन्य शुल्क का सर्वे करने की मांग की गई। प्रमुख सचिव द्वारा उक्त सभी बिन्दुओं पर विचार करने का आश्वासन दिया गया।

 

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