आज सुरो से होगा स्वराभिषेक
उज्जैन। साक्षात नटेश्वर, भूतभावन भगवान महाकालेश्वर की नगरी, महाकवि कालिदास की इस कला नगरी में मानव मन को सुखद आत्मानंद की अनुभूति देने वाला संगीत एक ऐसी विधा है जिसका शहर में सदैव प्रचलित रहना और उसका निरंतर विकास हो इस हेतु संगीत को समर्पित लोगों द्वारा शहर में विशुद्ध सांगीतिक स्तरीय आयोजनों को करने का संकल्प लेकर कार्य करने वाली यह विशेष संस्था स्वाराभिषेक सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्थान शहर में प्रारंभ हो रही है जो अपना प्रथम पुष्प आज कालीदास संकुल हॉल में आयोजित होगा।
सोसायटी फॉर प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकारवर्ता में स्वाराभिषेक सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्थान के अध्यक्ष रवींद्र उज्जैनकर व सचिव पं. योगेश देवले ने बताया कि 20 जनवरी को सायं 7 बजे कालीदास संकुल में कलाकार भक्ति संगीत, कालयजी संतों के पदों का गायन करेंगे। जिसमें प्रमुख रूप से पं. भुवनेश कोमकली ( पद्मविभूषण पं. कुमार गंधर्व के पौत्र) पं. गौत काले ( शिष्य संंगीत मार्तण्ड पं. जसराज), पं. योगेश देवले (शिष्य पं. सुधाकर व पं. प्रभाकर देवले) शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति के लिए पं. अनिरूद्ध भट्टाचार्य (शिष्य पं.ए.कानन, मालवीका कानन) देंगे। संवादिनी पं. विवेक बन्सोड़, तबला निशांत शर्मा (मंदसौर), देवव्रत गुप्ता (कोलकाता) होंगे। आयोजकों ने बताया कि संस्था द्वारा जल्द ही कालिदास संगीत महोत्सव का आयोजन भी शुरू किया जाएंगा।
यह है संस्था का उद्देश्य
इस संस्थान का विशेष लक्ष्य सांगीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक उत्थान है जो विद्यार्थी संगीत के क्षेत्र में साधना कर रहे है उनके लिए सभी विधाओें के विशेष प्रशिक्षण वर्गों का आयोजन किया जावेगा। जिसमें उन विधाओं के विशेषज्ञों द्वारा इन्हें प्रशिक्षित किया जावेगा। इसका उद्देश्य है शहर की सांगीतिक प्रतिभाओं को मंच उपलब्ध कराना, उन्हें निरन्तर आगे बढ़ाना और राष्टÑीय एवं अंतराष्टÑीय स्तर के स्थापित कलाकारों के रूप में विकसित करना।
यह है इसके सूत्रधार...
इस संस्था को शहर के प्रसिद्ध सांगीतिक विद्वान पं.सुधाकर जी देवले शहर का विद्वत् व्यक्तिमत डॉ. राजेश्वरशास्त्री मुसलगांवकर और संगीत स्रेही सी.ए. श्री आदित्य नामजोशी का संरक्षण प्राप्त है। जिनके मार्गदर्शन में निर्मित इस संस्था की कार्यसमिति अध्यक्ष रवींद्र उज्जैनकर, सचिव पं. योगेश देवले, कोषाध्यक्ष योगेश गोरे, सचिव तुषार गौड और इन्हीं की तरह संगीत को समर्पित श्रेयस कोरान्ने, मनीष वरणगांवकर, भूषण नाईक, प्रशांत सोहले के नेतृत्व में शहर में वर्षभर में चार स्तरीय गायन, वादन, सुगम संगीत, नृत्य एवं संगीत की सभी विधाओं का स्तरीय आयोजन करेंगे। जिसमें राष्टÑीय प्राप्त कालाकारों की अद्भूत कला का साक्षात्कार कराते रहेंगे।