दलितों को श्मशान, मंदिर, जलाशय की आवश्यकता नहीं, प्राणीग्रहण संस्कार संघ प्रमुख आरंभ करें- महाकाल सेना
उज्जैन। देश में कुछ दिनों से दलितों को उच्च पद देने, एक गांव, जलाशय, श्मशान, मंदिर एक हो यह दलितों के साथ अन्याय होगा। दलितों को सम्मान मिले सवर्ण समाज को कोई एतराज नहीं लेकिन सवर्ण समाज का अपमान किया जाए यह सही नहीं। कुछ दिनों से राजनेता, संघ प्रमुख दलितों के साथ भोजन, स्नान एवं झोपड़ी में विश्राम कर रहे हैं, ऐसा करने से कभी भी समरसता नहीं आएगी तथा दलितों के साथ यह सरासर धोखा है।
इस आशय का पत्र उमेशनाथ महाराज के माध्यम से संघ प्रमुख भागवत को भेजने हेतु महाकाल सेना का प्रतिनिधि मंडल महेश पुजारी के नेतृत्व में उनके मठ वाल्मिकीधाम पर मिला और पत्र सौंपा। संघ प्रमुख देश में समरसता चाहे हैं तो सर्वप्रथम संघ, भाजपा एवं अनुशांगिक संगठन जो संघ के अंग है उसमें सवर्ण समाज और दलित समाज का प्राणीगृहण विवाह संस्कार आरंभ करावें। सर्वसमाज के समस्त सदस्यों के लिए संघ प्रमुख एक आदेश पारित करें संघ दलितों का विकास एवं उद्धार करना चाहता है। उन्हें मुख्यधाराम में सर्वसमाज के सम्मान में लाना चाहता है। इसलिए संघ व इसके घटकों के सदस्य पुत्र एवं पुत्रियों का विवाह दलित व सवर्ण लोग आपस में करेंगे तथा सवर्ण समाज के सदस्यगण दलितों की पुत्रियों को अपनी बहू एवं बेटों को दामाद बना लेंगे। उस दिन देश में समरसता आ जाएगी और सवर्ण, दलितों के संघर्ष से देश बच जाएगा तथा दलितों के पुत्र-पुत्रियों से विवाह करने से न्याय भी होगा और भागवत का उद्देश्य भी पूर्ण होगा। यदि आपके आदेश का पालन सवर्ण समाज नहीं करता है तो ऐसे सदस्यों की सदस्यता पार्टी व संघ से समाप्त करने के आदेश भी पारित करें और भविष्य में सवर्ण समाज को सदस्यता तब आपके संघ में मिले ज बवह प्राणीगृहण संस्कार हेतु अपनी सहमति दे आपको और आपकी पार्टी को देवे। प्रतिनिधि मंडल में अजय गुरू कुंडवाला, सुरेश, विनोद मेहता, रूपेश मेहता, राजू बैरागी, विनोद शुक्ल आदि उपस्थित थे।