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स्वामी विवेकानंद के बोध वाक्य को आधार बनाकर विद्यार्थियों ने बताए सफल होने के सूत्र


‘जागो भारत’ लेख प्रस्तुतिकरण प्रतियोगिता में 34 विद्यालयों के 300 बच्चों ने लिखे लेख
उज्जैन। सामाजिक संस्था “रूपांतरण” द्वारा युवा पीढ़ी में स्वामी विवेकानंद के प्रेरक सन्देश को प्रचारित करने के उद्देश्य से ‘जागो भारत’ लेख प्रस्तुतिकरण प्रतियोगिता का आयोजन कालिदास संस्कृत अकादमी के पं. सूर्यनारायण व्यास संकुल हॉल में किया गया। प्रतियोगियों को स्वामी विवेकानंद के किसी एक बोध वाक्य को आधार बनाकर लेख प्रस्तुत करना था। इस हेतु उज्जैन नगर के 34 शासकीय/अशासकीय विद्यालयों से 300 विद्यार्थियों के लेख प्राप्त हुए थे। 28 विद्यालयों से 54 चयनित लेखों में से विजेता का चयन प्रस्तुतिकरण उपरांत हुआ।
संस्था के राजीव पाहवा के अनुसार कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बालयोगी उमेशनाथ महाराज थे। विशेष अतिथि के रूप में संयुक्त आयुक्त प्रतीक सोनवलकर, बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल वीसी प्रो. प्रमोद वर्मा, डॉ. अनुराग टिटोव (कार्यक्रम अध्यक्ष), रोटरी क्लब से रमेश साबू, मनोज तिवारी एवं विनोद शर्मा उपस्थित थे। प्रतियोगिता में 12वी की छात्रा पलक जैन ने “एक विचार लो, उसे अपना जीवन बना लो। उसके बारे में सोचो, उसके सपने देखो, उस विचार को जियो अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों-शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो। यही सफल होने का तरीका है।“ इस बोध वाक्य पर प्रथम स्थान प्राप्त कर पुरस्कार राशि 5,000 रूपये जीती। द्वितीय स्थान पर 11वीं की छात्रा राशि चौहान रही जिन्हें 3,000 की राशि से पुरस्कृत किया गया। तृतीय 12वीं की छात्रा कशिश लालवानी रही इन्हें 2,000 की नगद राशि से पुरस्कृत किया गया। तीनों विजेता ज्ञान सागर अकादमी की छात्राएं हैं। इनके अलावा संजना खत्री, दर्शाना मित्तल, गौरव राठौर, आदित्य त्रिवेदी, रितिका शाह, अदितिसिंह जादौन को सांत्वना पुरस्कार के रूप में 5-5 सौ रूपये की राशि प्रदान की गई। इस अवसर पर संस्था सदस्य दिवाकर नातू, सोनू गेहलोत, आनंदीलाल जोशी, कैलाश सोनी, अक्षय आमेरिया, विभाष उपाध्याय, पुष्पेन्द्र शर्मा, हरिसिंह यादव, मनीष चौधरी आदि उपस्थित थे। निर्णायक गण अमित मरवाह, अमिता जैन, मयंक शुक्ला रहे। संचालन सुविज्ञ जैन, सलोनी सरगरा एवं अंजलि पाटने ने किया एवं आभार राजीव पाहवा ने माना। विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित संयुक्त आयुक्त प्रतीक सोनवलकर ने बच्चों को स्वामी विवेकानंद द्वारा कहीं गई पंक्तियां उठो जागो, और जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो, चलते रहो सुनाकर आगे बढ़ते रहने हेतु प्रेरित किया। आपने क्षिप्रा पुनरुद्धार का लक्ष्य लिए काम कर रही रूपांतरण संस्था को ‘तेरे माथे के पसीने में है गंगा की लहर, तेरी मेहनत से ज़मीन पर स्वर्ग आएगा उतर’ गीत के माध्यम से सन्देश दिया। उन्होंने समस्त विद्यालयों एवं रूपांतरण से आग्रह किया कि जिस प्रकार क्षिप्रा संरक्षण के लिए आप लोग उज्जैन में काम कर रहे हैं, उसी प्रकार देवास में क्षिप्रा और नर्मदा के लिए कार्य करें। प्रशासन उसमे पूर्ण सहयोग प्रदान करेगा।

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